सूरत : नकली रसीद बनाकर 8 महीने से वाहन चालकों के पास से पैसे वसूलने वाले दो गिरफ्तार

सूरत : नकली रसीद बनाकर 8 महीने से वाहन चालकों के पास से पैसे वसूलने वाले दो गिरफ्तार

लग्जरी बस को एक हजार रुपये के दंड की नकली रसीद दी थी, पुलिस आयुक्त का ‌सिक्का न होने से भांडा फूटा

क्राइम ब्रांच ने चालक प्रताप और ऑपरेटर रमीज को किया गिरफ्तार
सूरत के कापोदरा थाने में ड्यूटी पर तैनात चालक व परिचालक छह से आठ माह से चालान की फर्जी रसीद बनाकर वाहन चालकों से रुपये वसूल रहा था। यह घोटाला तब सामने आया जब एक लग्जरी बस के चालक को फर्जी रसीद दी गई और एक हजार रुपये वसूल किए गए। हालांकि, पूरा मामला सामने आने के बाद सूरत क्राइम ब्रांच ने 2 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। सूरत के वराछा थाने के हेड कांस्टेबल के रिश्वत लेते पकड़े जाने के बाद अब यह बात सामने आई है कि कापोदरा थाने के दो कर्मचारी फर्जी रसीद बनाकर पैसे कमा रहे हैं। 
लोकरक्षक कनुभाई दिनेशभाई भाटी सिटी ट्रैफिक ब्रांच सर्कल 1 क्षेत्र 1 में पेट्रोलिंग और इन्फोसमेन्ट के रूप में काम करते हैं। गत रोज वे हमेशा की तरह कार्यवाही कर रहे थे जब एक लग्जरी बस सीमाडा चेकपोस्ट के पास रुकी। नो एंट्री का समय होने के बावजूद शहर में आने के संदर्भ में पूछा तो बस क्लीनर ने थोड़ा समय पहले ही जुर्माने की रसीद दिखा दी थी।  रसीद देखी तो रसीद में सूरत पुलिस कमिश्नर का कोई सिक्का नहीं था। इसलिए उन्हें रसीद को लेकर संदेह था। उनके साथ ड्यूटी पर मौजूद एएसआई को सूचना देकर थाना व यातायात शाखा ने जांच पड़ताल की। लेकिन यह रसीद कहीं से भी नहीं  निकलने की बात सामने आई।  जब उन्होंने बस क्लीनर से पूछा तो बस क्लीनर ने बताया कि हीराबाग ब्रिज से उतरते समय पीसीआर गाड़ी खड़ी थी और उन्होंने रसीद दे दी थी।  कापोदरा थाने में रसीद की जांच की गई। लेकिन फिर भी पता चला कि रसीद जारी नहीं की गई थी। इसके बाद मामला अधिकारियों के संज्ञान में आया। जांचकर्ताओं ने पाया कि रसीद कापोदरा थाने के चालक प्रताप लखुभाई और कापोदरा थाने के संचालिका रमीज अनवरभाई ने बनाई थी। दोनों कर्मचारियों के खिलाफ कापोदरा थाने में मामला दर्ज किया गया है। 
डीसीपी सज्जन सिंह परमार ने बताया कि इस संबंध में कापोदरा थाने में मामला दर्ज कर लिया गया है।  दोनों कर्मचारियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। पूरे मामले की जांच सूरत क्राइम ब्रांच को सौंप दी गई है। साथ ही दोनों कर्मचारियों के घरों की तलाशी ली गई। वहां से इन फर्जी रसीदों की किताबें भी जब्त की गईं। दोनों कर्मचारियों ने कबूल किया है कि वे पिछले 6 से 8 महीने से फर्जी रसीद के जरिए पैसा वसूल कर रहे हैं।
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