सूरत: रैगिंग बर्दाश्त क्यों? स्मीमेर अस्पताल में सीनियर डॉक्टर ने जूनियर को दौड़ते रहने की सज़ा दी !

सूरत: रैगिंग बर्दाश्त क्यों? स्मीमेर अस्पताल में सीनियर डॉक्टर ने जूनियर को दौड़ते रहने की सज़ा दी !

आलाधिकारियों ने दिया जांच का आश्वासन

ऐसा माना जाता है कि सूरत में कॉलेजों में रैगिंग पूरी तरह से प्रतिबंधित है। पर हाल ही में इस दावे की पोल खोलने वाला एक वीडियो सामने आया है। हैरानी की बात ये है ये वीडियो किसी निजी अस्पताल या कॉलेज से नहीं बल्कि सूरत में नगर पालिका द्वारा चलाए जा रहे स्मियर से सामने आया है। स्मीमेर से सामने आई जानकारी के अनुसार हड्डी रोग के सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर ने 2 जूनियर को आधे घंटे तक दौड़ाया। इसका वीडियो सोशल मीडिया समेत डीन और एचओडी के पास पहुंचा। इस वीडियो को देखने के बाद आलाधिकारियों ने मामले की जांच शुरू की।  दूसरी ओर, वरिष्ठ रेजिडेंट डॉक्टर ने कहा कि ये मात्र प्रशिक्षण का एक हिस्सा था।
सूत्रों के मुताबिक ये घटना स्मीमेर के कैजुअल्टी डिपार्टमेंट के बाहर शनिवार रात 10 से 11 बजे के बीच हुई। दो जूनियर डॉक्टर आधे घंटे तक कैजुअल्टी से मेन केस बार और वहां से पहली मंजिल तक दौड़ता रहा। हालांकि, हैरानी की बात यह है कि वरिष्ठ डॉक्टर ने इसे प्रशिक्षण और काम का हिस्सा बताया।  कॉलेज के डीन डॉक्टर दीपक हॉवेल ने कहा कि यह गलत है। मामले की जांच कराई जाएगी। इस घटना में भाग रहे एक रेजिडेंट डॉक्टर इमरजेंसी विभाग के बाहर एटीएम के सामने बेंच पर बैठे सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर के पास जाता और फिर दौड़ने लगते। ये प्रक्रिया करीब आधे घंटे तक चली। दौड़ते समय रेजिडेंट डॉक्टर की भी सांस फूल रही थी और पसीना भी आ रहा था।
वीडियो वायरल होते देख अधिकारी समेत कर्मचारी हैरान रह गए सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर इलाज के लिए आए मरीजों, उनके परिजनों के साथ स्टाफ के सामने जूनियर डॉक्टर का भी अपमान कर रहे थे। हड्डी रोग विभाग के तीन रेजिडेंट डॉक्टर अपने विभाग में एक जूनियर रेजिडेंट को परेशान कर रहे थे।  फिलहाल आलाधिकारियों ने मामले की जांच और उचित कार्यवाही की बात कही है।
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