सूरत : क्या आपको भी लगता है हेलमेट चेकिंग के बहाने पुलिस वाले परेशान करते हैं?, स्थानीय भाजपा विधायक का तो यही मानना है!
By Loktej
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पूरे राज्य में लोगों को ट्राफिक के नियमों के प्रति जागृत करने के लिए ट्राफिक पुलिस द्वारा 6 से 15 मार्च तक सीट बेल्ट ड्राइव का आयोजन किया गया है। ड्राइव के दौरान नियमों का भंग करने वाले चालकों के खिलाफ से दंड वसूला जा रहा है। इस बीच एक नेता ने इस ड्राइव को रद्द करने के लिए गृह राज्यमंत्री को पत्र लिखा है। शहर में भाजपा की सरकार होने के बावजूद भाजपा के ही नेता द्वारा इस तरह की मांग की है है।
विस्तृत जानकारी के अनुसार, पूर्व आरोग्य मंत्री और वराछा विधानसभा के सदस्य कुमार कानाणी ने गृह राज्यमंत्री को पत्र लिखकर हेलमेट और सीटबेल्ट चेकिंग ड्राइव को बंद करने का आग्रह किया है। उल्लेखनीय है कि रोड सेफ़्टी के कार्य कि समीक्षा करने के लिए आए तीन मीटिंग होती रहती है। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट कमिटी ऑन रोड सेफ़्टी द्वारा आयोजित रोड सेफ़्टी काउंसिल की बैठक में राज्य में बढ़ रहे दुर्घटनाओं की समीक्षा की थी। जिसमें सामने आया कि अधिकतर मामलों में हेलमेट ना पहनने और बिना सीट बेल्ट गाड़ी चलाने के कारण होते है। ऐसी दुर्घटनाओं में मृत्युदर का प्रमाण काफी अधिक रहता है। जिसके चलते यह ड्राइव शुरू किया गया है।
हालांकि इस ड्राइव के चलते ट्राफिक कि समस्या दूर करने के स्थान पर ट्राफिक पुलिस लोगों के पास से रुपये ऐंठ लेते होने कि जानकारी सामने आई है। ऐसे में वराछा विधानसभा के विधायक कुमार कानाणी ने गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी को पत्र लिखकर यह ड्राइव बंद करने के लिए आवेदन करता हुआ पत्र लिखा है। जिसमें कहाँ गया कि ड्राइव के नाम पर पुलिस द्वारा लूट मचाई जा रही है और साथ ही लोगों को भी परेशानी हो रही है।
कुमार कानाणी ने गृह मंत्री हर्ष संघवी को लिखे पत्र में कहा कि 6 मार्च से 15 मार्च तक हेलमेट और सीट बेल्ट के लिए अभियान चलाने के लिए गृह विभाग द्वारा एक सर्कुलर जारी किया गया था। आम जनता हाल ही में कोरोना प्रतिबंधों से मुक्त हुई है। इसलिए आम लोगों के लिए इन हेलमेट और सीट बेल्ट उल्लंघन के मामलों में जुर्माना भरना बहुत मुश्किल है। पुलिस की भीड़ शहरी इलाकों में पैसा इकट्ठा करने के लिए खड़ी है और उनका उत्पीड़न बढ़ता ही जा रहा है। अत: जनता के सहयोग के लिए मेरा सुझाव है कि हेलमेट और सीट बेल्ट उल्लंघन के मामलों के संबंध में अभियान को रद्द कर दिया जाए। अब देखना होगा कि कुमार कनानी को लिखे पत्र के बाद गृह मंत्री और उनके ही साथी विधायक हर्ष संघवी क्या फैसला लेते हैं।
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