रोमानिया के रास्ते सूरत पहुंचे छात्रों ने कहा, 'युद्ध विराम हुआ तो पढ़ाई पूरी करने फिर यूक्रेन जाएंगे!'

रोमानिया के रास्ते सूरत पहुंचे छात्रों ने कहा, 'युद्ध विराम हुआ तो पढ़ाई पूरी  करने फिर यूक्रेन जाएंगे!'

यूक्रेन में फंसे सूरत के तीन और छात्र भीषण कठिनाइयों का सामना कर आज सूरत लौटने में सफल रहे

रूस और युक्रेन के बीच आज दस दिन से भीषण युद्ध चल रहा है। ये लड़ाई दिन-बा दिन गंभीर रूप लेती जा रही है। रूस तमाम प्रतिबंधों के बाद भी युक्रेन पर लगातार हमला किये जा रहा है। इस बीच भारत के कई विद्यार्थी और नागरिक इस युद्ध क्षेत्र में फंस गये थे। भारत सरकार ऑपरेशन गंगा के तहत इन नागरिकों को युद्ध क्षेत्रों से निकालने में जुटी हुई है। यूक्रेन पर रूस के अथक मिसाइल हमलों और युद्ध की भयावहता के बीच यूक्रेन में फंसे सूरत के तीन और छात्र भीषण कठिनाइयों का सामना कर आज सूरत लौटने में सफल रहे हैं।
सूरत से तीन और छात्रों, देवम शाह, फेनी पटेल और किंजल चौहान को रोमानिया सीमा के रास्ते यूक्रेन से निकलकर दिल्ली हवाई अड्डे पर पहुँचने के बाद आज सुबह सूरत आने में सफल रहे। हवाई अड्डे पर पहुंचने के बाद उनके परिवारों सहित राजनीतिक नेताओं ने उनका स्वागत किया और उन्हें बधाई दी। वहीं माता-पिता और परिवार कई दिन बाद अपने बच्चों को घर लौटते देख भावुक हो उठे।
युद्ध क्षेत्र से लौटे छात्रों को वहां की स्थिति के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि दिन-ब-दिन रूसी हवाई हमलों की संख्या बढ़ती जा रही थी। इन बच्चों ने बताया कि पिछले तीन दिन बंकर में बेताब हालत में बिताने के बाद वो बड़ी मुश्किल से रोमानियाई सीमा तक पहुंचने में कामयाब रहे। आगे उन्होंने बताया कि इस समय यूक्रेन की सीमा पर भारतीयों के साथ बहुत अन्याय हो रहा है, सीमा पार करने में भी बड़ी कठिनाई होती है। सूरत शहर जिले के कुल 88 छात्र, जो युद्धग्रस्त यूक्रेन और आसपास के प्रांतों में पढ़ने गए थे, वापस आ गए हैं।
बता दें कि युद्धग्रस्त यूक्रेन से आज सूरत लौटे तीन और छात्रों देवम शाह, फैनी पटेल और किंजल चौहान ने कहा कि वे वर्तमान में यूक्रेन में चिकित्सा की पढ़ाई कर रहे थे। लेकिन रूस-यूक्रेन के बीच अचानक शुरू हुए युद्ध से उनकी पढ़ाई आधी में अटक गई और साथ ही उन्हें घर लौटने में बड़ी कठिनाई हुई।वर्तमान स्थिति को देखते हुए, ऐसा लगता है कि यूक्रेन लौटने के लिए एक लंबा इंतजार करना पड़ सकता है। हालांकि, यदि युद्ध समाप्त होता है, तो छात्रों ने अपनी शेष चिकित्सा अध्ययन को पूरा करने के लिए यूक्रेन लौटने की इच्छा व्यक्त की।
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