सूरत टेक्सटाईल मार्केट की लीज को लेकर शासकों और आयुक्त पर होगी कोर्ट कार्यवाहीः आम आदमी पार्टी

सूरत टेक्सटाईल मार्केट की लीज को लेकर शासकों और आयुक्त पर होगी कोर्ट कार्यवाहीः आम आदमी पार्टी

एसटीएम की इमारत को स्ट्रक्चर स्टेबिलिटी की आवश्यकता है, नई बिल्डिंग बनाए तो 1 हजार के स्थान पर 4 हजार दुकाने बनेगीः धर्मेश भंडेरी

भाजपा ने पार्टी फंड पाने के लिए 49 सालों की लीज को  99 साल के लिए प्रस्ताव पारित करने का आरोप
सूरत टेक्सटाईल मार्केट की लीज के लिए दुकानदारों से चेक वसूलने का मेसेज सोश्यल मीडिया में वायरल होने के बाद सूरत महानगरपालिका के नेता प्रतिपक्ष आम आदमी पार्टी के धर्मेश भंडेरी ने कहा की इस मामले में भाजपा शासकों और मनपा आयुक्त के खिलाफ कोर्ट में कार्यवाही की जायेगी। 
धर्मेश भंडेरी ने मनपा कार्यायल में आयोजित पत्रकार परिषद में मीडिया को जानकारी देते हुए कहा कि सूरत नगर निगम ने 30/03/2021 की आम बैठक में कार्य क्रमांक 30 के अनुसार 2017-2018 में सूरत टेक्सटाईल मार्केट के लिए 49 वर्ष का पट्टा समझौता पूर्ण हुआ था। इसलिए उस समय के शासकों ने 127 करोड़ पर इसे अन्य 49 साल के लीज लिए स्वीकृत किया। जिस समझौते को हाल ही में नवनिर्वाचित शासकों ने जो समझौता 49 साल के लिए था उऐ बहुमत के आधार पर एक भी रूपये की वृध्दि किए 99 साल तक बढ़ा दिया था। यानी मौजूदा स्थिति के साथ-साथ पुरानी प्रचलित दर के हिसाब से कम से कम 127 करोड़ रुपये का नुकसान महानगरपालिका का हुआ था। वास्तव में रिंग रोड पर सूरत टेक्सटाईल मार्केट जिसकी संरचना रिपोर्ट की तत्काल आवश्यकता है। यदि इस भवन के मौजूदा 1033 दुकानों के स्थान पर नया एफएसआई माना जाए तो नई एफएसआई के अनुसार कम से कम 4000 दुकानें बन सकती हैं, इसलिए यदि हिसाब लगाया जाए तो निगम को कम से कम 4000 करोड़ का नुकसान हुआ है। 
आम आदमी पार्टी द्वारा मीडिया को जानकारी दी गयी
धर्मेश भंडेरी ने कहा कि कल 01/03/2022 को एसटीएम कमेटी के मुखिया और बीजेपी समर्थक प्रशासक दिनेश राठौर के नाम से एक मैसेज  सोश्यल मीडिया में वायरल हुआ, जिसमें कहा गया था कि एसटीएम के 1033 दुकानदारों को सूरत टेक्सटाइल मार्केट के नाम पर 4 लाख और भारतीय जनता पार्टी के नाम से 1 लाख रुपये दिए जाने चाहिए। भारतीय जनता पार्टी को दिया गया चेक आयकर में राहत दि जाऐगी और यदि इस संबंध में किसी के मन में कोई प्रश्न हो तो दिनेशभाई राठौर से संपर्क करें। जो यह साबित करता है कि भारतीय जनता पार्टी ने अपने स्वयं के पार्टी फंड या पार्टी फंड के लिए पुराने दर पर लीज समझौते को और 49  साल के लिए नवीनीकृत करने का फैसला किया है और इससे सूरत के लोगों को अनुमानित रूप से 4000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। एसएमसी के स्थायी समिति के अध्यक्ष परेशभाई पटेल की अध्यक्षता में कार्य स्वीकृत किया गया है, जो एक उद्योगपति की छाप रखते हैं, लेकिन निगम को खराब करने के नाम पर काम को मंजूरी दे दी है, तो उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया जाना चाहिए। 
आम आदमी पार्टी के नेता प्रतिपक्ष  द्वारा 28-07-2021 को उच्च न्यायालय में अधिवक्ता प्रतीक पी. ठक्कर द्वारा  याचिका दायर की थी। जिस पर 15/09/2021 को अदालत द्वारा जारी मौखिक आदेश में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि एसएमसी आयुक्त और प्रमुख सचिव, गुजरात सरकार , गांधीनगर जैसे जिम्मेदार अधिकारी को इस संबंध में उचित कार्रवाई करने के लिए सूचित किया जाना चाहिए। 
इस मुद्दे को विपक्ष के नेता द्वारा 18/09/2021 को लिखित रूप से सूचित किया गया था, लेकिन सत्ता पक्ष के दबावऔर सत्ताधारी दल को सूरत कपड़ा बाजार के दुकानदारों से पार्टी फंड की राशि लेने का फैसला किया गया था इस लिए आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। यदि 7 दिनों के भीतर इस मुद्दे पर कोई कार्रवाई नहीं की जाती है तो एसएमसी के शासकों और मनपा आयुक्त के खिलाफ अदालत की राह पर कार्रवाई करेंगे और याचिका दायर की जाएगी। 
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