
सूरत : अब भारतीय सेना की वर्दी के लिए हर महीने 20 लाख मीटर से ज्यादा कपड़े का उत्पादन होगा
By Loktej
On
अब तक सूरत के कपड़े से सेना के जवानों की वर्दी सीमित मात्रा में बनती थी
बजट में टेक्निकल टेक्सटाइल सेक्टर पर जोर
केंद्रीय वित्त मंत्री द्वारा पेश किए गए बजट में भी आत्मनिर्भरता पर विशेष ध्यान दिया गया है। हालांकि कपड़ा उद्योग को सीधे तौर पर कोई फायदा नहीं हुआ है, लेकिन केंद्र सरकार जिस तरह से तकनीकी वस्त्रों की मदद के लिए आगे आई है, उससे एक बात तो साफ है कि सूरत के कपड़ा उद्योग को भी अप्रत्यक्ष रूप से फायदा हो रहा है। तकनीकी वस्त्रों की अपार संभावनाएं हैं। तकनीकी वस्त्रों द्वारा निर्मित वस्त्रों का आयात किया जाता था, लेकिन अब केंद्र सरकार द्वारा लिए गए निर्णयों से यह स्थिति बदलेगी। भारतीय सेना के जवानों जो वर्दी पहनते हैं वह कपड़ा प्रोसेस होकर सूरत से जाएगी। इस फैब्रिक को हर महीने 20 लाख मीटर से ज्यादा प्रोसेस किया जाएगा।
अब तक जो यूनिफॉर्म बनती थी उसमें सिर्फ सूरत के कपड़े का ही इस्तेमाल होता था, लेकिन वह भी सीमित मात्रा में। परंतु अब भारतीय सेना के जवान जो वर्दी पहनते हैं वह कपड़ा प्रोसेस होकर सूरत से जाएगी। प्रति माह लगभग एक मिलियन मीटर कपड़ा प्रोसेसिंग होकर जाता था, लेकिन अब केंद्र सरकार द्वारा घरेलू बाजार की मदद के लिए लिए जा रहे निर्णय के कारण, तकनीकी कपड़ा क्षेत्र से जुड़े लोग अब प्रति माह दो मिलियन मीटर से अधिक कपड़ा प्रोसेस होकर जाएगा।
सूरत के टेक्सटाइल प्रोसेसिंग युनिट में उत्पादित वस्त्र केवल सेना के जवानों की वर्दी तक ही सीमित नहीं हैं, बल्कि सेना के जवानों के लिए उपयोग किए जाने वाले जूतों के साथ-साथ उनके द्वारा ले जाने वाले बैग में इस्तेमाल होने वाले कपड़े भी हैं। इतना ही नहीं सुरक्षाकर्मियों द्वारा टेंट बनाने में इस्तेमाल किया जाने वाला कपड़ा भी सूरत का ही बना है। सूरत के टेक्सटाइल प्रोसेसिंग युनिट का भी केंद्र है। पिछले कई वर्षों से सूरत के व्यापारी तकनीकी मुद्दों पर कड़ी मेहनत कर रहे हैं, जिसके परिणामस्वरूप देश और विदेश में सबसे अधिक तकनीकी वस्त्रों के माध्यम से वस्त्रों की मांग में वृद्धि हुई है।
प्रख्यात कपड़ा उद्योगपति संजय सरावगी ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा पेश किया गया बजट वाकई में स्वागत योग्य है। सरकार का मन साफ है और नीति भी स्पष्ट है। जिस तरह से सरकार ने टेक्निकल टेक्सटाइल पर जोर दिया है। इससे घरेलू उत्पादन में भारी वृद्धि होगी। मुझे उम्मीद है कि जिस तरह से तकनीकी वस्त्र का उत्पादन वर्तमान में सूरत शहर में किया जा रहा है, वह आज के बजट को देखते हुए दोगुना हो जाएगा। सूरत के कपड़ा उद्योग के लिए ये नए अवसर सामने आए हैं। इससे पूरी इंडस्ट्री को जबरदस्त गति मिलेगा। सुरक्षा क्षेत्र के लिए केंद्र सरकार द्वारा किए गए खर्च में से हमारे देश के घरेलू उत्पादकों को अधिकतम खर्च प्रदान करने की दिशा में सरकार की नीति वास्तव में सराहनीय है।
Tags: