सूरत : कोरोना केस बढ़ने एवं लॉकडाउन के भय से श्रमिकों ने पकड़ी वतन की राह, उत्तर प्रदेश- बिहार जाने वाली ट्रेनों में भारी भीड़

सूरत : कोरोना केस बढ़ने एवं लॉकडाउन के भय से श्रमिकों ने पकड़ी वतन की राह, उत्तर प्रदेश- बिहार जाने वाली ट्रेनों में भारी भीड़

कोरोना की पहली और दूसरी लहर के बाद मजदूर अपने वतन लौटने लगे

अहमदाबाद के बाद सूरत शहर में कोरोना के सबसे ज्यादा मामले हैं। सरकार ने हाल ही में राज्य में कुछ प्रतिबंध लगाए हैं। एक तरफ कोरोना के मामले और दूसरी तरफ पाबंदियों से मजदूरों में लॉकडाउन की हड़कंप मच गई है। इसमें सूरत में रहने वाले प्रवासी श्रमिक अपने वतन की राह पकड़ रहे हैं। सूरत रेलवे स्टेशन पर बड़ी संख्या में श्रमिक अपने वतन लौट रहे हैं। कोरोना की पहली और दूसरी लहर के बाद जिस तरह श्रमिक अपने वतन लौटने को मजबूर हुए थे उसी तरह की स्थिति देखने को मिल रही है। 
सूरत रेलवे स्टेशन पर कई श्रमिक लॉकडाउन के डर से अपने गृहनगर लौटने को मजबूर हैं। श्रमिकों ने यह भी आरोप लगाया कि मिल मालिकों ने एक जनवरी से कुछ श्रमिकों को नौकरी पर आने मना कर दिया है। कोरोना के मामले बढ़ते ही शहर के कई मिल मालिक श्रमिकों को काम पर रखने से इनकार कर रहे हैं। लॉकडाउन के डर ने श्रमिकों को पलायन करने को मजबूर कर दिया है।
हाल ही में मुंबई रेलवे स्टेशन पर श्रमिकों के पलायन का नजारा देखने को मिला। कोरोना मामलों की बढ़ती संख्या और तीसरी लहर में लॉकडाउन के चलते मुंबई के बाद अब सूरत में भी पलायन हो रहा है। सूरत रेलवे स्टेशन पर उत्तर प्रदेश और बिहार जाने वाली ट्रेनों में बड़ी संख्या में श्रमिक जा रहे हैं। इसलिए मूल रूप से उत्तर प्रदेश और बिहार सहित अन्य राज्यों के श्रमिक रोजगार के लिए सूरत आते हैं। ऐसे समय में जब शहर में कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं, मिल मालिक मजदूरों को निकाल रहे हैं, ऐसे में मजदूरों की स्थिति विकट हो गई है।
इस संबंध में राज्य सरकार के वित्त मंत्री कनुभाई देसाई ने पहले ही स्पष्ट किया था कि फिलहाल राज्य में कोई भी लॉकडाउन नहीं लगाया जाएगा। हालांकि सूरत से श्रमिकों का पलायन शुरू हो गया है। गौरतलब है कि देश के अन्य राज्यों से लाखों श्रमिक गुजरात के सूरत शहर में कपड़ा उद्योगों में काम करने आते हैं।
पहली लहर में लॉकडाउन के चलते श्रमिकों के खाना-पीने की भी दिक्कत हो गई थी। बाद में दूसरी लहर में कोरोना के संक्रमण के कारण सूरत में कोरोना पॉजिटिव की संख्या इस हद तक बढ़ गई कि सूरत शहर के सभी निजी अस्पताल खचाखच भरे रहे। अब सवाल यह था कि क्या सिविल अस्पतालों में भी वेंटिलेटर उपलब्ध होंगे। 
सूरत में कपड़ा सहित कई बड़ी औद्योगिक इकाइयों में देश के विभिन्न राज्यों से रोजगार पाने के लिए लाखों लोग सूरत में रहते हैं। पहली और दूसरी लहर में प्रवासी श्रमिकों की स्थिति बहुत दयनीय थी। अपने वतन जाने के लिए उन्हें काफी कष्ट सहना पड़ा। शहर के डिंडोली, गोडादरा, उधना, पांडेसरा क्षेत्र में बड़ी संख्या में प्रवासी श्रमिकों का निवास है।
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