सूरत : सचिन जीआईडीसी टेन्कर गैस कांड में पीआई और जीपीसीबी अधिकारी निलंबित

सूरत : सचिन जीआईडीसी टेन्कर गैस कांड में पीआई और जीपीसीबी अधिकारी निलंबित

सूरत के सचिन जीआईडीसी टेन्कर गैस कांड में गृहमंत्री हर्ष संघवी ने स्थानिय पीआई और जीपीसीबी अधिकारी को निलंबित करने का आदेश दिया

रात्रि कर्फ्यू लगाकर पुलिस सोती रही और जीआईडीसी के नाले में टेन्कर खाली हो गया
सूरत सचीन जीआईडीसी गैस कांड में 6 लोगों की मौत से जागी सरकार ने सचीन जीआईडीसी के पुलिस इंस्पेक्टर और जीपीसीबी के अधिकारी को ‌निलंबित कर दिया है।  इस मामले में पुलिस जांच कर रही है। इस घटना के बाद शहर में पुलिस और जीपीबीसी की कार्यवाही पर तरह तरह के सवाल उठने लगे थे। 
गृह मंत्री हर्ष संघवी ने पुलिस आयुक्त और जिला कलेक्टर के साथ सचीन जीआईडीसी में जिस जगह टेन्कर से जहरीला केमिकल नाले में डाला गया था उस स्थल की मुलाकात ली। सचीन जीआईडीसी पीआई जे.पी. जाडेजा और जीपीसीबी के नोडल अधिकारी पराग देवे को घटना के दो दिन बाद निलंबित किया गया। मास्क पहने लोग, कॉलेज परिसरों में पार्टी करते छात्र, रात में कर्फ्यू में बाहर जाने वाले लोग पुलिस को दिखाई देते हैं लेकिन रसायनों से भरा एक विशाल टैंकर मुंबई से सूरत आया और सचिन देर रात जीआईडीसी में घुसे और रसायन फेंके लेकिन पुलिस को नहीं देखा उसे। कई कंपनियां उद्योग से निकलने वाले अपशिष्ट रसायनों को पतला (डायलुट ) करने के लिए लाखों रुपये वसूलती हैं। इस रुपए को बचाने के लिए केमिकल माफिया इस वेस्ट केमिकल को सचिन जीआईडीसी के आसपास खाड़ी में फेंक देते हैं। हालांकि इस मामले पर लगातार नजर रखने की सीधी जिम्मेदारी जीपीसीबी और पुलिस की है, लेकिन घोटाला नहीं रुका और इसके परिणामस्वरूप 6 श्रमिकों की मौत हो गई और 23 लोग बहोश हो गये थे। पुलिस और जीपीसीबी से आंखें मूंदने की ऐसी नीति से बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार की गंध आती है।  पुलिस ने सअपराध मनुष्य वध का अपराध तो दर्ज कर लिया है, लेकिन केमिकल सप्लाई करने वालों, खाड़ी में केमिकल डालने वालों पर ही कार्रवाई होगी, लेकिन जीपीसीबी या छिपा मनोबल देने वाले पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई क्यों की जाएगी. ऐसे कृत्य करने वालों को? इसकी शहर में खूब चर्चा हो रही है। 
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