सूरत : सचिन जीआईडीसी दुर्घटना में 4 आरोपी गिरफ्तार, जांच की आंच मुंबई तक पहुंची

सूरत :  सचिन जीआईडीसी दुर्घटना में 4 आरोपी गिरफ्तार,  जांच की आंच मुंबई तक पहुंची

सूरत क्राइम ब्रांच ने भरूच एलसीबी और वडोदरा पुलिस की मदद से आरोपियों को दबोचा

 जहरीले रासायनिक कचरे के निपटान के दौरान हुई घटना में छह कारीगरों की मौत हो गई
सूरत के सचिन जीआईडीसी इलाके में केमिकल वेस्ट डिस्पोजल के वक्त हुई त्रासदी में क्राइम ब्रांच ने चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। मुंबई स्थित एक फार्मास्युटिकल कंपनी ने वडोदरा के आशीष गुप्ता को रासायनिक कचरे के निपटान का काम सौंपा था। सचिन जीआईडीसी में हुई गंभीर घटना में सूरत क्राइम ब्रांच को बड़ी कामयाबी मिली है।
क्राइम ब्रांच ने भरूच एलसीबी और वडोदरा पुलिस की मदद से 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। यह वह रसायन है जो गुजरात में कपड़ा और सीमेंट निर्माण कंपनियों को दिया जाता है। कंपनी की ओर से 14 रुपये प्रति लीटर का भुगतान किया जाता है। एक कंटेनर में लगभग 25,000 लीटर रसायन होते थे, जिसकी कीमत 3.5 लाख रुपये होती है। पूरा मुनाफा कमाने के लालच में इन आरोपियों ने 6 लोगों की जान ले ली है।  प्रेम गुप्ता द्वारा जीआईडीसी में डंपिंग केमिकल्स के लिए लोकेशन दी गई थी।
संगम एनविरो लिमिटेड द्वारा सोडियम हाइड्रो सल्फाइट केमिकल पेश किया गया था। अब तक की जांच से पता चला है कि कंपनी के पास खतरनाक रसायन आयात करने का लाइसेंस नहीं था। यह गतिविधि अवैध रूप से की गई थी। इस टैंकर को मुंबई से लाकर दूसरे टैंकर में ट्रांसफर कर सूरत सचिन जीआईडीसी लाया गया था। सूरत क्राइम ब्रांच समेत पुलिस की एक टीम मुंबई, भरूच, अंकलेश्वर पहुंच गई है और गहन जांच कर रही है। 
सचिन दुर्घटना  की जांच मुंबई की एक फार्मास्युटिकल कंपनी तक पहुंच गई है। कंपनी के संचालकों ने 14 रुपये प्रति लीटर के भाव से वडोदरा के संगम एन्वायरो नामक कंपनी के संचालक के आशीष गुप्ता को केमिकल वेस्ट के निपटान का काम सौंपा था। आशीष गुप्ता ने  भरूच और अंकलेश्वर के जयप्रताप और विशाल उर्फ ​​छोटू को काम सौंपा था। दोनों आरोपियों ने अंकलेश्वर के पास हाइवे पर स्थित होटल डिसन्ट के पास मुंबई की फार्मास्युटिकल्स में से आया  रासायनिक अपशिष्ट भरा टैंकर सचिन जीआईडीसी में दुर्घटना में जवाबदार टैंकर (GJ-6-ZZ-6221) में  रासायनिक अपशिष्ट ट्रांसफर किया था और इसे ड्राइवर सुरेंद्रसिंह के माध्यम से सूरत के सचिन भेज दिया था। 
सचिन में प्रेम गुप्ता ने चलाकर टैंकर को सचिन जीआईडीसी में खाली करने की जगह दिखाई थी। मुंबई की फार्मास्युटिकल कंपनी में भी क्राइम ब्रांच की टीम जांच कर रही है। क्राइम ब्रांच भरूच और अंकलेश्वर के अन्य स्थानों की भी जांच कर रही है। शुरुआती जांच में पता चला है कि सचिन की विश्व प्रेम डाइंग के पास खाड़ी में जो केमिकल डाला गया था, वह सोडियम हाइड्रो सल्फाइड था। 
आरोपी प्रेमसागर ओमप्रकाश गुप्ता- आरोपी प्रेमसागर गुप्ता  पिछले पांच साल से बाबा महेंद्रनाथ रोडलाइन्स के नाम से शिवनगर सोसाइटी सचिन में ट्रांसपोर्ट का धंधा कर रहा है। फिलहाल उनके पास दो ट्रक हैं। प्रेमसागर गुप्ता ने कक्षा-07 तक पढ़ाई की है। पिछले 15 साल से सूरत में रह रहे हैं। प्रेम सागर गुप्ता के खिलाफ 2009 में प्रोहिबिशन  और 2016 में जुआ एवं नेगोशियबल  अधिनियम के तहत अपराध दर्ज किए गए हैं। आरोपी आशीष कुमार दूधनाथ गुप्ता ने आठवीं तक पढ़ाई की है और रानोली वडोदरा में स्वेता ट्रांसपोर्ट के नाम से ट्रांसपोर्ट का बिजनेस करता हैं।
आरोपी जय प्रताप रामकिशोर तोमर चार माह से अंकलेश्वर स्टेशन रोड ओंकार शॉपिंग सेंटर-2 स्थित यूनिटी स्मॉल फाइनेंस बैंक के ऋण विभाग में कार्यरत है। उन्होंने एमएस यूनिवर्सिटी वडोदरा से एसवाईबीकॉम तक की पढ़ाई की है। आरोपी विशाल उर्फ ​​छोटू अनिलकुमार यादव अंकलेश्वर जीआईडीसी प्रणामा चौकड़ी कंटीनर-8 में श्री साईं बॉडी बिल्डर के नाम से गैरेज चलाता है। कक्षा-10 तक पढ़ाई की है।
सचिन जीआईडीसी क्षेत्र में दूसरे शहरों से जहरीले रसायनों की अवैध डंपिंग का रैकेट लंबे समय से चल रहा है। रात में रासायनिक टैंकरों के मार्फत से बाहर से लाकर रासायनिक अपशिष्ट निपटान का मोडस ऑपरेन्डी चल रहा है। लंबे समय से गंदे और जहरीले रसायनों की डंपिंग चल रही है। बावजूद इसके पुलिस समेत प्रशासन आंखें मूंद रखी हैं। यह कोई एक दिन की घटना नहीं है। समय-समय पर रसायनों के इस तरह के अवैध डंपिंग के मामले सामने आते रहते है और इससे कई समस्याएं भी होती हैं।
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