सूरत : मिलों में दो दिन की छुट्टी देने की तैयारी, पोंगल-क्रिसमस की सीजन नाकाम

कपड़ा मार्केट के बाद प्रोसेसिंग मिलों पर असर

दक्षिण भारत में कुदरती आफत के कारण वहां मनाया जानेवाला पोंगल पर असर पड़ा है। जिसके कारण हर साल सूरत से पोंगल और क्रिसमस के लिए करीबन 1300 करोड़ का कपड़ा का जत्था अटक गया है। कपड़ा व्यापारियों का कारोबार रूकने से प्रोसेसिंग मिलों में भी जॉबवर्क घट गया। जिसके कारण शहर के डाइंग-प्रोसेसिंग मिलों में सप्ताह में दो दिन छुट्टी देने की शुरूआत हो चुकी है। 
कोरोना के कारण पिछले दो सालों से कपड़ा उद्योग को मिलने वाला करोड़ो रूपयों का कारोबार अटक गया था। लग्रसरा, रमजान, आडी और स्कूल सत्र के लिए होने वाले यूनिफॉर्म कपड़े की खरीदी आदि पर असर हुआ। कोरोना की दूसरी लहर बाद सितंबर से विविध राज्यों के मार्केट खुलने के साथ ही सूरत के पास नया स्टॉक के लिए ऑर्डर दर्ज होने की शुरूआत हुई थी। जिसके कारण कपड़ा व्यापारियों ने सबसे ज्यादा व्यापार इस बार दिवाली पर मिलने की बात स्थानीय व्यापारियों ने कहीं। करीबन 16 हजार करोड़ का व्यापार कपड़ा उद्योग को दिवाली पूर्व हुआ है। दिवाली के बाद भी अच्छा कारोबार मिलने की आस के साथ कपड़ा मार्केट के व्यापारियों के अलावा मिल मालिकों ने 5 से 10 दिन का बंद रखा था। हालांकि दक्षिण भारत में भारी बारिश बाद बाढ़ की स्थिति से करोड़ों  रूपयों का कारोबार से सूरत का कपड़ा उद्योग वंचित रहा। 
कपड़ा व्यापारियों के मुताबिक पोंगल का 1200 करोड़ और क्रिसमस का 100 करोड़ का कारोबार दिवाली के बाद होता है। दक्षिण भारत से मर्यादित मात्रा में आर्डर मिलने के कारण कपड़ा व्यापारियों ने मिलों में जॉबवर्क देना घटा दिया था। जिसके कारण डाइंग-प्रोसेसिंग मिलों के प्रोडक्शन पर 25 प्रतिशत गिरावट आयी। जिसके कारण मिलों में सप्ताह में 2 दिन छुट्टी रखने की शुरूआत हो चुकी है। उल्लेखनीय है कि दिवाली पूर्व कलर, केमिकल और कोयला के दामों में 30 से 60 फीसदी तक हुई वृद्धि से मिल मिलों को नुकसान उठाने नौबत आयी थी। नुकसान से बचने के लिए जॉब चार्ज में बढ़ोत्तरी की थी। जिसके कारण व्यापारी और मिल मालिकों के बीच विवाद भी हुआ था।
एसजीटीपीए के अध्यक्ष जीतेंद्र वखारिया ने बताया कि दक्षिण भारत में बारिश और बाढ़ की स्थिति के कारण काफी नुकसान हुआ है। जिसके कारण दक्षिण भारत के 4 राज्यों में मनाया जानेवाला पोंगल- क्रिसमस पर असर पड़ा है। पोंगल- क्रिसमस कपड़ा खरीदी की मुख्य सीजन भी नाकाम रहने से कपड़ा व्यापारियों ने जॉबवर्क घटा दिया। करीबन 25 प्रतिशत कपड़ा का प्रोडक्शन घट गया है। जिसके कारण सप्ताह में 2 दिन मिलों में छुट्टी दी जा रही है। 
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