सूरत : दो महीने बाद कोरोना से मरीज़ की मौत

सूरत : दो महीने बाद कोरोना से मरीज़ की मौत

बारह दिन से स्मीमेर में था भर्ती, कोरोना के अलावा एनी बिमारियों से था ग्रसित

सूरत में ओमिक्रॉन की आशंका के बीच एक कोरोना मरीज की मौत हो गई है। जिसमें दो महीने बाद सूरत में एक बुजुर्ग की कोरोना से मौत हो गई। इसमें कोविड गाइडलाइन के अनुसार वृद्ध का अंतिम संस्कार किया गया है। ओमिक्रोन की दहशत के बीच सूरत जिले में एक कोरोना मरीज की मौत से डॉक्टर चिंतित हैं। आपको बता दें कि कोरोना से दो महीने बाद सूरत में कोई मौत हुई है। इसके बाद अब प्रशासन में डर है कि कहीं दूसरी लहर की तरह ही फिर से मौत का आंकड़ा बढ़ना न शुरू हो जाए। स्मीमेर में भर्ती एक बुजुर्ग की 12 दिन के इलाज के बाद मौत हो गई है।
सन्देश की एक रिपोर्ट के अनुसार इस मामले के अलावा सूरत शहर में पांच और नवसारी और वलसाड में कोरोना के 2-2 मामले ऑन रिकॉर्ड सामने आए हैं। कामरेज के 65 वर्षीय बुजुर्ग को 23 तारीख को कोरोना की रिपोर्ट संक्रमित आने पर स्मीयर में भर्ती कराया गया था। साथ ही कोरोना संक्रमित होने के साथ साथ मधुमेह, रक्तचाप सहित अन्य समस्याओं से जूझ रहे बुजुर्ग की शुक्रवार की रात उसे मृत घोषित कर दिया गया। स्मीमेर अस्पताल प्रशासन ने कोविड के दिशा-निर्देशों के अनुसार अंतिम संस्कार की प्रक्रिया को अंजाम दिया है।
गौरतलब है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि अभी तक ओमिक्रोन के कोई विशेष लक्षण सामने नहीं आए है लेकिन साउथ अफ्रीकन मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष एंजेलिक कोएत्ज़ी के अनुसार, जिसने सबसे पहले वैरिएंट की पहचान की, ओमिक्रोन के असामान्य लेकिन हल्के लक्षण दिखाई दे रहे हैं। डॉ एंजेलिक का कहना है कि ओमिक्रोन की विशेषताएं डेल्टा की विशेषताओं से भिन्न हैं। कोरोना के दूसरे संस्करण में संक्रमण ने स्वाद और सूंघने की क्षमता को प्रभावित किया। लेकिन ओमिक्रोन के मरीजों में ये लक्षण नहीं देखे जाते हैं। गले में खराश होने पर भी खांसी की समस्या नहीं दिखती।
साथ ही डेल्टा वेरिएंट की तुलना में ये 5 गुना अधिक शक्तिशाली, मोनोक्लोनल एंटीबॉडी थेरेपी का इस पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। ओमिक्रोन में अब तक 50 म्यूटेशन हो चुके हैं। स्पाइक प्रोटीन म्यूटेशन के माध्यम से वैक्सीन को बेअसर करता है। यह प्रतिरक्षा प्रणाली से प्रभावित नहीं है।