सूरत : कपड़ा उद्योग पर जीएसटी दरों में बढ़ोत्तरी को लेकर उद्यमी केंद्रीय वित्त और कॉमर्स मंत्री से मिलेंगे

सूरत : कपड़ा उद्योग पर जीएसटी दरों में बढ़ोत्तरी को लेकर उद्यमी केंद्रीय वित्त और कॉमर्स मंत्री से मिलेंगे

केंद्रीय मंत्रियों को आंकड़ो साथ बताएंगे वास्तविकता

कपड़ा उद्योग पर 1 जनवरी से लागू हो रहे जीएसटी के नए 12 प्रतिशत दरों के कारण सूरत सहित देश के कपड़ा उद्यमी चितिंत है। राज्य के वित्त मंत्री के समक्ष जीएसटी दरों में बढ़ोत्तरी से अतिरिक्त बोझ से दो नंबरी कारोबार शुरू होने के साथ छोटे इकाईयां बंद होने की चिंता व्यक्त की थी। ऐसे में अब जीएसटी के नए दर लागू नहीं हो इसलिए स्थानीय सांसदों की अगुवाई में केंद्रीय वित्त और कॉमर्स मंत्री से गुहार लगाई जाएगी।
पिछले 15 दिनों से कपड़ा उद्योग में नए जीएसटी के कारण दर को लेकर चिंता का माहौल है। कपड़े के पूरे उत्पादन पर 12 प्रतिशत जीएसटी दरों से विपरीत असर पड़ेगा।  कपड़ा उद्योग पर जीएसटी के यथावत दर रखने की मांग शुरू की है। सूरत के उद्यमियों ने राज्य के वित्तमंत्री को बताया कि कपड़ा उद्योग से जुड़े 35 करोड़ लोगों के रोजगार पर जीएसटी के नए दरों असर होगा। उनके द्वारा दिए गए सुझाव के बाद स्थानीय सांसदों का समय लेकर कपड़े पर जीएसटी के नए दरों को लागू नहीं किए जाने की मांग हो रही है।
राज्य कपड़ा मंत्री दर्शना जरदोष के साथ उद्यमियों की हुई मीटिंग में उन्होंने कपड़े की इन्वर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर दूर होने से उद्योग पर होने वाले असर से वाकिफ होने की बात उद्यमियों से कहीं। अब अगले दिनों में सांसद सीआर पाटिल और प्रभू वसावा से भी मांग करके उनकी अगुवाई में केंद्रीय कॉमर्स-कपड मंत्री पियुष गोयल और वित्तमंत्री निर्मला सीतारामन को 18-12-5-5 का फाम्र्युला से यथावत जीएसटी दर रखने की मांग करेंगे। हालांकि कपड़ा पर जीएसटी दर 12 प्रतिशत  करने से पहले कई बार केंद्र सरकार में पेशकश की गई थी, इसके बावजूद बढ़ोत्तरी की अधिसूचना जारी की गई।

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