सूरत : वीविंग उद्योग में 70 प्रतिशत इकाइयां शुरू, ग्रे उत्पादन में धीरे-धीरे बढ़ोत्तरी

सूरत : वीविंग उद्योग में 70 प्रतिशत इकाइयां शुरू, ग्रे उत्पादन में धीरे-धीरे बढ़ोत्तरी

श्रमिकों की समस्या से वीविंग उद्योग को मिली निजात

दिपावली वेकेशन के बाद अब अब धीरे-धीरे वीविंग इकाईयां शुरू होने का सिलसिला जारी है। अलग-अलग औद्योगिक इकाईयों में करीबन 70 प्रतिशत वीविंग इकाईंया कार्यरत हो गई है। दिवाली के बाद जब इकाइयाँ शुरू होती हैं, तो कारीगर अधिक मजदूरी पाने के लिए इकाइयाँ बदलते हैं और इससे 15-20 प्रतिशत कारीगरों की कमी हो जाती है। हालांकि वीविंग उद्योग को फिलहाल  कारीगरों की कमी सता नहीं रही है।
श्रमिक साल में दो बार छुट्टी लेता है। 10-15 दिन या डेढ़ महीने की छुट्टी से लौटते समय कारीगर ज्यादा वेतन के लिए इकाई बदल देता है। हालांकि वीविंग उद्योगों के कारीगरों को 20 से 25 हजार प्रति माह की मजदूरी मिलती है। लेकिन वापस लौटने पर श्रमिक 5-10 पैसे प्रति मीटर की बढ़ोतरी पाने के लिए कारखाना बदल देता है।
आम तौर पर होली और दिवाली की छुट्टियों के बाद से कारीगरों की समस्या वीविंग उद्योगों को परेशान कर रही है। लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ। पर्याप्त कारीगर हैं और काम धीरे-धीरे आगे बढ़ रहा है। ग्रे उत्पादन भी धीरे-धीरे बढ़ रहा है। हालांकि, आने वाले हफ्तों में कपड़ा बाजार के खुलने के साथ कामकाज की उम्मीद है।
कारखानदारों को अभी कोई बड़ी समस्या नहीं है। चूंकि वीविंग  इकाइयाँ दिवाली तक चल रही थीं, ग्रे का उत्पादन भी पर्याप्त था। दिवाली के बाद उत्पादन फिर से शुरू होने से माल स्ट्रॉक की चिंता बहुत कम कारखानदारों को परेशान कर रही है। हालांकि कई इकाइयों से माल धीरे-धीरे कम हो रहा है।
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