सूरत : त्योहारों के दौरान कपड़ा कारोबारियों का ऑनलाइन व्यापार रहा बेहतर

सूरत : त्योहारों के दौरान कपड़ा कारोबारियों का ऑनलाइन व्यापार रहा बेहतर

देश-विदेश के अन्य हिस्सों में प्रति दिन 2 से 3 करोड़ रूपयों की टेक्सटाइल प्रोडक्ट की हो रही डिलीवरी

देशभर में ऑनलाइन कारोबार दिनों-दिन बढ़ता ही जा रहा है। सूरत से भी पार्सलों की डिलीवरी की जा रही है। अलग-अलग ऑनलाइन सेलिंग कंपनियों से रोजाना करीब 5 लाख पार्सल डिलीवरी की जा रहे हैं। प्रतिदिन 20 करोड़ रुपये के विभिन्न प्रोडक्ट शहर से बाहर जा रहे हैं। इनमें से 40 फीसदी कपड़ा प्रोडक्ट के ऑर्डर विदेशों से आ रहे हैं। टेक्सटाइल और डायमंड हब सूरत में दिवाली के दौरान ऑनलाइन कारोबार भी अच्छा चल रहा है। जिसमें सूरत से टेक्सटाइल प्रोडक्ट, इलेक्ट्रॉनिक्स प्रोडक्ट, घर की सजावट का सामान, उपहार, घर और रसोई, सौंदर्य प्रसाधन, नकली आभूषण, लैंप, कृत्रिम फूल सहित विभिन्न वस्तुओं की डिलीवरी की जा रही है।
शहर में साड़ी ड्रेस सामग्री सहित कई तरह के प्रोडक्ट तैयार होते हैं। इस समय त्यौहार के दौरान सूरत से देश-विदेश के अन्य हिस्सों में 2 से 3 करोड़ रूपये के टेक्सटाइल प्रोडक्ट की प्रति दिन डिलीवरी की जा रही है। ऑनलाइन कंपनियों से खरीदारी करने से कुरियर कंपनियों का कारोबार भी 20 से 30 फीसदी तक बढ़ा है।
ऑनलाइन बिक्री करने वाली एक कंपनी से जुड़े सूरत के एक व्यापारी ने मीडिया को बताया कि शहर के ज्यादातर टेक्सटाइल पार्सल अलग-अलग राज्यों में डिलीवरी किए जा रहे हैं। वहीं सूरत से भी लोग घर और किचन और कॉस्मेटिक का सामान मंगवा रहे हैं। सामान्य दिनों की तुलना में डेढ़ लाख पार्सल ज्यादा जा रहे हैं। फेडरेशन ऑफ टेक्सटाइल एसोसिएशन ऑफ सूरत के सदस्य के अनुसार पिछले साल कोरोना के कारण बाजार नहीं खुल सके या यहां तक ​​कि कुछ दिनों के लिए खुले रहने पर भी ऑनलाइन बाजार ठप था क्योंकि अलग-अलग राज्यों और विदेशों में ट्रांसपोर्टेशन पर प्रतिबंध के कारण आर्डर नहीं मिल सकें थे।
त्योहारी सीजन की वजह से इस साल व्यापार में काफी सुधार हुआ है। अन्य राज्यों के साथ-साथ विदेशों से भी अच्छी मांग आ रही है। इस प्रकार त्योहारों का यह मौसम व्यापारियों के लिए बहुत फलदायी साबित हुआ है। 20 करोड़ रुपये के दैनिक कारोबार में से ऑनलाइन बिजनेस से 3 करोड़ रुपये प्रतिदिन तक का प्रोडक्ट सूरत के कपड़ा बाजारों से बाहर जा रहा है, जिसका फायदा सूरत के कपड़ा व्यापारियों को मिल रहा है।
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