सूरत : ब्रेन डेड घोषित बच्चे के अंगदान से छः लोगों को मिला नया जीवन
By Loktej
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परिवार ने विचार करके लीवर, हृदय, फेफड़े, हाथ और आंतों को दान करने का फैसला किया, अहमदाबाद, मुंबई चेन्नई जैसे शहरों में भेजा गया अंग
सूरत के कतारगाम के डभोली चार रस्ते के पास आये रामपार्क सोसाइटी में रहने वाले एक परिवार का 14 वर्षीय धार्मिक को 27 अक्टूबर को अचानक उलटी होने लगी। ब्रिलियंट स्कूल में कक्षा दसवीं में पढ़ने वाले धार्मिक का ब्लड प्रेशर अचानक बढ़ गया। इसके बाद धार्मिक को उपचार के लिए किरण अस्पताल में भर्ती कराया गया था। यहाँ न्यूरोफिजियोलॉजिस्ट डॉ हीना ने उसका इलाज किया। जाँच के दौरान धार्मिक के ब्रेन हेमरेज के साथ दिमाग में रक्त के थक्के और मस्तिष्क में सूजन का पता चला। आगे के इलाज के दौरान न्यूरोसर्जन डॉ. भौमिक ठाकोर ने मस्तिष्क में रक्त के थक्कों और सूजन को दूर करने के लिए क्रैनियोटॉमी की लेकिन 26 अक्टूबर शुक्रवार को किरण अस्पताल के डॉक्टरों ने धार्मिक को ब्रेन डेड घोषित कर दिया।
आपको बता दें कि धार्मिक को ब्रेन डेड घोषित करने के बाद नीलेश मंडलेवाला ने परिवार को अंग दान के बारे समझाया और फिर परिवार ने विचार करके लीवर, हृदय, फेफड़े, हाथ और आंतों को दान करने का फैसला किया। परिवार से अनुमति मिलने के बाद अंगदान की प्रक्रिया शुरू की गई। लीवर को सोट्टो द्वारा अहमदाबाद के ज़य्ड्स अस्पताल, हार्ट अहमदाबाद के सिम्स हॉस्पिटल, हाथ को मुंबई के ग्लोबल हॉस्पिटल, फेफड़े को नोट्टो द्वारा चेन्नई को एमजीएम हॉस्पिटल को भेजा गया। हालांकि देश में B+ ve ब्लड ग्रुप ट्रांसप्लांट के लिए कोई मरीज नहीं होने से आंत को कहीं नहीं भेजा जा सका।
आपको बता दें कि सूरत के किरण अस्पताल से मुंबई तक 292 किमी की दूरी 105 मिनट में तय करने के बाद पुणे निवासी एक व्यक्ति को धार्मिक के दोनों हाथों का प्रत्यारोपण किया गया। इस व्यक्ति ने दो साल पहले एक दुर्घटना में अपना हाथ खो दिया था। हाथ दान करने यह मुंबई में चौथा मामला है। गौरतलब है कि 2016 में देश में पहली बार कोच्चि के अमृता अस्पताल में हाथ प्रत्यारोपण किया गया था। डोनेट लाइफ के जरिए सूरत से किया गया ये हैंड ट्रांसप्लांट देश में 19वां मामला है। लेकिन देश में ऐसा पहली बार हुआ है कि 12 साल के बच्चे का हाथ डोनेट किया गया है।
गौरतलब है कि धार्मिक के शरीर से दान किया गया लीवर अहमदाबाद के जाइडस अस्पताल में पाटन निवासी 35 वर्षीय व्यक्ति पर प्रत्यारोपण किया गया। वहीं फेफड़े का प्रत्यारोपण चेन्नई के एमजीएम अस्पताल में आंध्र प्रदेश के 44 वर्षीय व्यक्ति पर किया गया था और हृदय प्रत्यारोपण जूनागढ़ के एक 15 वर्षीय छात्र पर किया गया था। इस काम में पहली बार, सूरत पुलिस और गुजरात पुलिस के सहयोग से एक ही दिन में तीन ग्रीन कॉरिडोर का निर्माण कर विभिन्न अंगों को मुंबई, चेन्नई और अहमदाबाद पहुंचाया गया।
आंकड़ो की बात करें तो यह हृदयदान की पचासवीं घटना है और गुजरात से फेफड़े के दान की तेरहवीं घटना है। सूरत से डोनेट लाइफ द्वारा सैंतीस हृदय-दान और 11 जोड़ी फेफड़े दान किए गए हैं। डोनेट लाइफ के जरिए सूरत ने अंगदान के क्षेत्र में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर महत्वपूर्ण स्थान हासिल किया है। सूरत से दान किए गए दिल और फेफड़े देश के विभिन्न शहरों जैसे दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, बेंगलुरु, कोलकाता, हैदराबाद, इंदौर और अहमदाबाद में प्रत्यारोपित किए गए हैं। डोनेट लाइफ ने देश में पहली बार 14 साल के ब्रेन डेड बच्चे को अपने दोनों हाथ दान कर दिए हैं। वहीं डोनेट लाइफ ने अब तक 48 किडनी, 28 लीवर, 11 दिल, 18 फेफड़े, 1 अग्न्याशय और 48 आंखों सहित 154 अंग और ऊतक दान किए, साथ ही दो देश-विदेश के कुल 141 ऑर्गन फेल्योर मरीजों को नई जिंदगी दी गई है। सूरत और दक्षिण गुजरात से 408 गुर्दे, 173 लीवर, 8 अग्न्याशय, 37 दिल, 22 फेफड़े और 312 आंखों के साथ-साथ दो हाथों सहित कुल 960 अंगों और ऊतकों का दान करते हुए 897 व्यक्तियों को नया जीवन देने में सफल हुए हैं।
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