
सूरत : आदिवासी विकास विभाग द्वारा डांग जिले के 160 किसानों से कराई जा रही है हल्दी की खेती
By Loktej
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पिछले पांच वर्षों में सब्जी बीज और उर्वरक के लिए कृषि विविधीकरण योजना के तहत, जिले के 11870 किसान लाभान्वित हुए हैं
पारंपरिक खेती पद्धति से हटकर नए और आधुनिक कृषि उत्पादों की ओर मुड़ रहे डांग के किसानों को उनकी सीमित जगह में अधिक उपज मिलता रहे इस दिशा में सफल प्रयास डांग जिले के आदिवासी विकास विभाग द्वारा किया जा रहा है।
डांग जिले के किसानों को मूल्य वर्धित कृषि उपज से जोड़ने के लिए प्रोत्साहित करके उनकी आय बढ़ाने के प्रयास के रूप में, विशेष रूप से नागली, वरई, अदद और धान की अधिकतम खेती करके, डांग जिला के किसानों को मूल्यवर्धित खेत उत्पादन की ओर प्रोत्साहित कर उनके आय बढ़ाने के भाग रुप डांग जिला प्रायोजन प्रशासक के कार्यालय द्वारा जिला के तीन तहसीलों के 160 लाभार्थी किसानों को प्रायोगिक स्तर पर हल्दी की खेती कराया जा रहा है।
अहवा तालुका के 60 किसानों और वघई तथा सुबीर तालुका के 50/50 चयनित किसानों को प्रायोजन कार्यालय के अनुदान से हल्दी लगाई गई है। प्रायोजन प्रशासक के जे भगोरा ने कहा कि औषधीय फसल उत्पादन के इस अभिनव प्रयोग से यहां के किसान अन्य फसल उत्पादन की तुलना में अपने सीमित स्थान में अधिक उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं। श्री भगोड़ा ने कहा कि औषधीय फसल उत्पादन के इन लाभार्थी किसानों को गुणवत्ता बीज के साथ-साथ कृषि उपज के लिए बाजार व्यवस्था के साथ-साथ प्रायोजक कार्यालय द्वारा आवश्यक प्रशिक्षण / मार्गदर्शन प्रदान किया गया है।
उल्लेखनीय है कि डांग जिला के प्रायोजन प्रशासक कार्यालय द्वारा विविध कृषि लक्षीय योजनाओं जैसे कि बागवानी फसलों, सब्जियों की फसल, बीज, किट, कृषि उपकरण, जैविक खाद का उपयोग और इस तरह के प्रोत्साहन शिविर आदि के लिए पिछले पांच वर्ष दरम्यान कुल 426.96 लाख रुपये खर्च किए गए हैं। खर्च किया गया है। जिसका लाभ यहां के 27232 किसान हितग्राहियों ने उठाया है। इसके अलावा, पिछले पांच वर्षों में सब्जी बीज और उर्वरक के लिए कृषि विविधीकरण योजना के तहत, जिले के 11870 किसान लाभान्वित हुए हैं।
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