सूरत : गुजरात सरकार उर्वरकों में मूल्य वृद्धि को वापस लेः दर्शन नायक

सूरत : गुजरात सरकार उर्वरकों में मूल्य वृद्धि को वापस लेः दर्शन नायक

गुजरात सरकार ने उर्वरकों के मुल्य मे वृद्धि को वापस लेने के लिए किसान समाज गुजरात द्वारा आगामी दिनों में आंदोलन किया जायेगा

सरकार किसानों को उनकी उपज का अधिकतम मूल्य देने का प्रयास करे
सूरत।पिछले कुछ समय से पेट्रोल-डीजल के दाम लगातार बढ़ते जा रहे हैं।आज भी सूरत में डीजल की कीमत 101.99 रुपये और पेट्रोल की कीमत 102.64 रुपये हो गई है। दूसरी तरफ सरकार ने किसानों के लिए कृषिउपयोगी रासायनिक उर्वरकों के दाम बढ़ा दिए हैं। 
दर्शनभाई नायक (अधिवक्ता, सहकारिता एवं किसान नेता, पूर्व नेता प्रतिपक्ष, जिला पंचायत सूरत) ने जानकारी देते हुए कहा कि सरकार ने कृषि में इस्तेमाल होने वाले एनपीके उर्वरक की कीमत 265 रुपये, एपीके उर्वरक 265 रुपये, सरदार एपीके 125 रुपये, सरदार एपीएस 75 रुपये, नर्मदा फॉस्फेट 200 रुपये, सल्फेट 40 रुपये और पोटाश 100 रुपये बढ़ाए हैं। बीज और कीटनाशकों की कीमतें भी बढ़ गई हैं खेती के लिए ट्रैक्टर और अन्य उपकरण के दाम भी बढ़ रहे हैं। एक तरफ जहां सभी कृषि संबंधित सभी चीजवस्तुओ के दाम बढ़ रहे हैं वहीं दूसरी तरफ गन्ना, धान, कपास और मूंगफली समेत किसानों की उपज के दाम तेजी से गिर रहे हैं। सरकार द्वारा कृषि उत्पादों के समर्थन मूल्य की घोषणा की जाती है। लेकिन कृषि में उत्पादित फसलों को सरकार समर्थन मूल्य पर नहीं खरीदती है। पिछले तीन वर्षों में धान की कीमत 200 रुपये से 250 रुपये प्रति क्विंटल कम दाम किसानों को मिल है। ब्याज के बोझ और सब्सिडी मिलने में देरी के कारण किसानों को गन्ने में 400 रुपये से 450 रुपये प्रति टन की कम कीमत मिल रही है। कृषि उपयोगी वस्तूओं के दामों में लगातार हो रही वृद्धि और कृषि उत्पादों की योग्य कीमत नही मिलने से किसानों की हालत विकट हो गई है। गुजरात सरकार गन्ने पर 2% बिक्री कर (GST) लगाती है। भारत में कोई अन्य राज्य यह 2% बिक्री कर (GST) नहीं लगाता है। इस मुख्य बिक्री कर (GST) का बोझ भी किसानों पर पड़ रहा है। जिसका सीधा असर किसानों पर पड़ रहा है।किसानों की मार को देखते हुए गुजरात सरकार को गन्ने की बिक्री पर लगने वाले 2% बिक्री कर (GST) को तुरंत खत्म करना चाहिए।
गुजरात सरकार रासायनिक उर्वरकों पर 5% बिक्री कर (GST) लगा रही है। देश भर में एक या दो राज्यों को छोड़कर किसी भी राज्य सरकार द्वारा रासायनिक उर्वरकों पर बिक्री कर नहीं लगाया जाता है। सरकार को भी इस मामले को गंभीरता से लेना चाहिए और उपरोक्त 5% बिक्री कर (GST) को समाप्त करना चाहिए ताकि किसानों को राहत दी जा सके।
प्रधानमंत्री ने 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का वादा किया था। लेकिन मौजूदा हालात में न सिर्फ कृषि उत्पादों बल्कि कृषि उपकरणों और चीज वस्तूओं के भी दाम दोगुने हो गए हैं और किसानों की आमदनी कम हो गई है। किसानों द्वारा कृषि में उपयोग किए जाने वाले ट्रैक्टरों, पानी के पंपों, बीजों, कीटनाशकों और अन्य वस्तुओं पर जीएसटी को समाप्त किया जाना चाहिए ताकि किसानों को आर्थिक लाभ हो सके। 
किसानों के इतने संवेदनशील मुद्दे को समझने की जरूरत है।अगर सरकार इस संबंध में गंभीर कदम नहीं उठाती है, तो किसान बर्बाद हो जाएगा। उम्मीद है कि सरकार किसानों के प्रति सहानुभूति दिखाएगी और उर्वरकों में मूल्य वृद्धि को वापस लेगी और सरकार द्वारा किसानों को उनकी उपज का अधिकतम मूल्य देने का प्रयास करेगी। 
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