सूरत के इस छात्र ने बनाई किसानों के लिए अभूतपूर्व मशीन, होगा काफी फायदा

सूरत के इस छात्र ने बनाई किसानों के लिए अभूतपूर्व मशीन, होगा काफी फायदा

मिट्टी की नमी मापने के लिए बनाया नया डिवाइस, भारा सरकार से करवाया पेंटंट दर्ज

सूरत के सरदार वल्लभभाई पटेल नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलोजी के इलेक्ट्रिकल इंजीनियर विभाग के असोसिएट प्रोफेसर और पीएचडी के छात्र द्वारा माइक्रोवेव सेंसर आधारित सॉइल एनेलाइजर बनाया गया है। इससे मिट्टी में कितनी नमी मौजूद है, उसकी जानकारी मात्र कुछ ही मिनटों में प्राप्त की जा सकती है। आने वाले दिनों में इस तकनीक का किसान काफी इस्तेमाल कर सकते है। 
विस्तृत जानकारी के अनुसार, SVNIT के इलेक्ट्रिकल इंजीनियर विभाग के असोसिएट प्रोफेसर डॉ पीयूष पटेल और उनके PHD के छात्र परेश सागर द्वारा भारत सरकार से एक खास मशीन को पेटंट करवा लिया गया है। इस डिवाइस की सहायता से मात्र कुछ ही समय में जमीन की नमी कितनी है वह पता चल सकेगा। इसकी सहायता से किसान अपनी जमीन में किस फसल का उत्पादन करना है और किस फसल का नहीं उसका निर्णय लिया जा सकेगा। 
इस बारे में जानकारी देते हुये डॉ पीयूष पटेल ने कहा कि उनका डिवाइस एक माइक्रोवेव सेंसर आधारित सॉइल एनलाइजर है। इसका इस्तेमाल करने के लिए तीन से चार सैंपल ले कर मिट्टी का एनालिसिस किया जाता है। इसके बाद उसका वजन कर उसे ओवन में ड्राय किया जाता है, इसके बाद फिर से उसका वजन कर ग्रेवीओमेट्रिक पद्धति से उसका एनालिसिस किया जाता है। इस एनालिसिस से यह पता चल जाता है कि जमीन में कितनी नमी है। आगे बात करते हुये उन्होंने कहा कि उनके द्वारा जो सेंसर बनाया गया है वह एक केविटी आधारित सेंसर है, जिसमें डॉ अलग-अलग सेंसर एरे रखे गया है। इन दोनों केविटी के बीच मिट्टी राखी जाती है, जिससे उसमें रखी मिट्टी कि नमी का पता चल जाता है। 
डॉ पीयूष पटेल ने कहा कि मिट्टी को चेक करने की अन्य पद्धतियां भी है। पर इस डिवाइस से काफी कम समय में सभी जानकारी मिल सकेगी। उनका कहना है कि उनकी डिवाइस को साइट पर ले जाकर जमीन कि टेस्टिंग कि जा सकती है। उनके डिवाइस में मात्र 100 ग्राम मिट्टी रखकर तुरंत ही रिजल्ट मिल जाता है। जबकि अन्य ट्रेडीशनल पद्धतियों में कम से कम 24 घंटे का समय लग सकता है।
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