सूरत : आज से सप्ताह में सातों दिन चलेगी सूरत-महुवा ट्रेन, वलसाड से आबू ट्रेन का काम जारीः दर्शनाबेन जरदोश

सूरत : आज से सप्ताह में सातों दिन चलेगी सूरत-महुवा ट्रेन, वलसाड से आबू ट्रेन का काम जारीः दर्शनाबेन जरदोश

आज सूरत रेलवे स्टेशन से शाम ४ बजे रेल राज्य मंत्री दर्शनाबेन जरदोश सूरत-महुवा डेईली ट्रेन को हरी झंडी दिखायेगे।

रेलवे स्टेशनों के विकास के लिए महाराष्ट्र से ज्यादा पैसा गुजरात को दिया गया
जन आशीर्वाद यात्रा के अवसर पर केंद्रीय राज्य मंत्री दर्शनाबेन जरदोश ने सूरत में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया। जिसमें उन्होंने जन आशीर्वाद यात्रा को मिले समर्थन की बात की। उन्होंने नए सौंपे गए मंत्रालय के बारे में कुछ बातें स्पष्ट कीं। उन्होंने रेल मंत्रालय और कपड़ा मंत्रालय द्वारा आने वाले दिनों में कुछ अहम फैसले लेने की भी बात कही। केंद्रीय राज्य मंत्री ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, "एंटी-डंपिंग का मुद्दा कपड़ा उद्योग को वर्षों से परेशान कर रहा है।" बार-बार अभ्यावेदन के बाद, आखिरकार एक अच्छा निर्णय लिया गया है। सूरत रेलवे स्टेशन, उधना रेलवे स्टेशन समेत अन्य मुद्दों पर आने वाले दिनों में काम होगा।
सूरत और महुवा से चलने वाली ट्रेन अब आज गुरूवार से सप्ताह के सभी दिनों में चलेगी। इससे सूरत और महुवा जाने वाले सूरत में रहने वाले बड़ी संख्या में यात्रियों को राहत मिलेगी।  कई सालों से सूरत शहर रेल मंत्रालय  से यह मांग कर रहा था जिसे आखिरकार मान लिया गया है। उन्होंने आगे कहा कि सूरत से रेलवे को मिलने वाले राजस्व को केंद्र सरकार सूरत के साथ-साथ गुजरात के रेलवे स्टेशनों के विकास के लिए उचित रूप से दे रही है। महाराष्ट्र से भी ज्यादा पैसा सूरत के साथ राज्य के रेलवे स्टेशनों के विकास तथा यात्रियों को अधिक सुविधाएं प्रदान करने के लिए दिया जा रहा है। संपर्क क्रांति अब से सूरत शहर को मिलने जा रही है। वलसाड से आबू तक ट्रेन की व्यवस्था करने की दिशा में काम कर रहे हैं। नवसारी का दांडी स्थल ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण है, सभी लोगों के लिए रेल द्वारा वहां पहुंचना आसान बनाने की भी योजना बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि संसद में कई विघ्नो के बावजूद केंद्र सरकार 22 विधेयकों को पारित करने में सफल रही है। विपक्ष किसी भी तरह की चर्चा को महत्व दिए बिना झूठे मुद्दों को मीडिया में ले जाकर केवल झूठे आरोप लगा रहा है। विपक्ष उन महत्वपूर्ण मुद्दों को उठाने में विफल रहा है जिन पर संसद में चर्चा की जानी चाहिए।
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