सूरत : दक्षिण गुजरात में शिवालयों के लिए दिशानिर्देश घोषित, गर्भ गृह में प्रवेश पर प्रतिबंध

सूरत :  दक्षिण गुजरात में शिवालयों के लिए दिशानिर्देश घोषित, गर्भ गृह में प्रवेश पर प्रतिबंध

भक्तों को मंदिर में प्रवेश करते समय मास्क पहनना अनिवार्य है

उत्तर भारत के पचांग के अनुसार श्रावण माह का तीसरा एवं गुजरात एवं महाराष्ट्र में प्रचलित पंचांग के अनुसार पवित्र श्रावण माह  सोमवार से शुरू हो रहा है। सूरत समेत पूरे दक्षिण गुजरात के मंदिरों में कोरोना की गाइडलाइन का सख्ती से पालन होगा।  कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए मंदिरों के बाहर गाइड लाइन पर स्पष्ट निर्देश लिखा गया है। श्रावण मास के दौरान कोई भी भक्त मंदिर के गर्भगृह में जाकर भगवान की पूजा नहीं कर सकता है। मंदिर के पुजारी भी शिव भक्तों से मंदिरों में बड़ी संख्या में न आने की अपील कर रहे हैं।
मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ न लगे इसका पूरा ध्यान रखा गया है। सूरत समेत दक्षिण गुजरात के तमाम शिवालयों में मंदिर के गर्भगृह में श्रद्धालुओं के प्रवेश पर सरकार की गाइडलाइन के मुताबिक नो-एंट्री कर दी गई है।  साथ ही मंदिरों में पूजा करने आने वाले श्रद्धालु पूजा सामग्री नहीं चढ़ा सकेंगे। इतना ही नहीं जिस मंदिर में श्रावण मास के दौरान मेला लगा था, उसे भी रद्द कर दिया गया है। कुछ मंदिरों में केवल 10 से 15 लोगों को ही प्रवेश दिया जाएगा। दिन भर में नित्य क्रम के अनुसार कुछ लोगों को  ही शिवलिंग तक जाने का मौका मिलेगा। कई मंदिरों में अभिषेक पर भी प्रतिबंध है। गर्भगृह के बाहर से ही दर्शन की अनुमति होगी। 
हर साल श्रावण के महीने में सूरत के पास ओलपाड सिद्धनाथ महादेव मंदिर में कांवड़ यात्रा का आयोजन किया जाता है, जिसमें हर सोमवार को हजारों तीर्थयात्री तापी के जल से महादेवजी का अभिषेक करते हैं। लेकिन मौजूदा हालात को देखते हुए मंदिर में कांवड़ यात्रा पर रोक लगा दी गई है। संक्रमण को रोकने के लिए मंदिर परिसर के अंदर या बाहर पूजा सामग्री की बिक्री पर भी रोक लगा दी गई है।  ऐसे में आज सोमवार से श्रावण मास शुरू हो रहा है, लेकिन भक्तों को श्रद्धा के साथ कोरोना की गाइडलाइन संपूर्म अमल करना होगा। 
पाल क्षेत्र में परदेश्वर महादेव मंदिर के पुजारी बटुकगिरी महाराज ने कहा कि कोरोना संक्रमण की संभावना को देखते हुए मंदिर शिव भक्तों के लिए खुला रहेगा। लेकिन कोरोना की गाइडलाइन का सख्ती से पालन होगा। हर भक्त को अनिवार्य मास्क पहनकर आना होगा। साथ ही गर्भगृह में 5 से 10 लोगों को ही प्रवेश दिया जाएगा। हम लगातार शिव भक्तों से कह रहे हैं कि मौजूदा हालात को देखते हुए मंदिरों में भीड़ न लगाएं। 
इसी क्रम में शहर के परप्रांतीय बाहुल्य इलाके पांडेसरा स्थित न्यू काशी विश्वनाथ धाम एवं दक्षेश्वर महादेव मंदिर के अलावा डिंडोली के नीलकंठेश्वर महादेव मंदिर तथा  गोडादरा के बाबा बैद्यनाथ धाम में भक्तगण भगवान महादेव का जलाभिषेक करेंगे। 
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