सूरत : चीनी ऐप पर रोक से चीन में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे छात्रों में आक्रोश

सूरत  : चीनी ऐप पर रोक से चीन में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे  छात्रों में आक्रोश

चीन के विभिन्न कॉलेजों में पढ़ने वाले छात्रों ने सरकार से मदद की गुहार लगाई है

चीनी विश्वविद्यालयों ने अपने पाठ्यक्रम को जारी रखने के लिए प्रतिबंधित मोबाइल ऐप डाउनलोड करने के लिए मजबूर होने का दावा किया है। 
भारत सरकार द्वारा कुछ चीनी ऐप्स पर प्रतिबंध लगाने के बाद चीन में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे सूरत के छात्रों में आक्रोश है। यह एक सवाल बन गया है कि  अध्ययन कैसे किया जाए जहां केवल ऑनलाइन अध्ययन में प्रमुख भूमिका निभाने वाले अप्लीकेशन पर प्रतिबंध लगा दिया है। इससे निपटने के लिए चीन के विभिन्न कॉलेजों में पढ़ने वाले छात्रों ने सरकार से मदद की गुहार लगाई है।
राज कोलडिया (छात्र) ने कहा, "कुछ चीनी कॉलेज  चीनी ऐप्स पर प्रतिबंध के बाद वही ऐप डाउनलोड करने के लिए कह रहे हैं और कह रहे है  कि आपको उसी ऐप के माध्यम से ऑनलाइन शिक्षा मिलेगी।" इसको लेकर भारतीय छात्र असमंजस में हैं।  विभिन्न चीनी विश्वविद्यालयों में पढ़ने वाले 23,000 भारतीय छात्र, जिनमें से कम से कम 20,000 मेडिकल छात्र हैं। गुजरात के करीब 5 हजार छात्र हैं और सूरत के 1500 से 2 हजार छात्र चीनी विश्वविद्यालयों से जुड़े हैं।
हेमल वाणिया (छात्र) ने कहा कि ऑनलाइन अध्ययन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। भारत ने लगभग 250 चीनी ऐप्स पर प्रतिबंध लगा दिया। छात्रों का दावा है कि विश्वविद्यालय उन्हें अपना पाठ्यक्रम जारी रखने के लिए प्रतिबंधित मोबाइल ऐप डाउनलोड करने के लिए मजबूर कर रहे हैं। चीन के अधिकांश विश्वविद्यालय  वेचेट, डिंगटालक, सुपर स्टार जैसे ऐप्स  एवं टेन्सेन्ट द्वारा वीडियो चैट  जैसे ऐप का उपयोग कर रहे हैं। सूरत चैंबर ऑफ कॉमर्स ने प्रधानमंत्री समेत कई जगहों पर इस मुद्दे को उठाया है।
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