बेमौसम बारिश और चक्रवात से प्रभावित गन्ना किसानों के लिए विशेष आर्थिक पेकेज की मांग

बेमौसम बारिश और चक्रवात से प्रभावित गन्ना किसानों के लिए विशेष आर्थिक पेकेज की मांग

सूरत सायण सुगर के डायरेक्टर दर्शन नायक ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन देकर बेमौसम बारिश और चक्रवात से प्रभावित गन्ना किसानों के लिए विशेष पेकेज की मांग की।

सायण सुगर मील के डायरेक्टर दर्शन नायक ने मुख्यमंत्री और कृषीमंत्री से मुआवजे के लिए कि पेशकश 
सूरत जिले में  बेमौसम बारीश,  कोरोना महामारी, महंगाई , चक्रवात से हुई नुकसानी का सामना करनेवाले गन्ना किसानों , चीनी मील के मजदुरो, ट्रेक्टर ट्रक के चालकों को काफी आर्थिक नुकसान हुआ है। राज्य सरकार गन्ना किसानों के लिए विशेष आर्थिक पेकेज की घोषणा करके उन्हे नुकसानी से बचाने के लिए उचित कार्यवाही की मांग सायण सुगर मील के डिरेक्टर एवं किसान अग्रणी दर्शन नायक ने मुख्यमंत्री विजयभाई रुपाणी तथा कृषीमंत्री आर.सी.फलदु से की है। 
सायण सूगर मील के डिरेक्टर एवं किसान अग्रणी दर्शन नायक ने मुख्यमंत्री और कृषीमंत्री को दिए ज्ञापन में कहा कि दक्षिण गुजरात में कुल 15 गन्ना मिल है। जिसमें से सूरत जिले के ओलपाड तहसिल की सायण विभाग सहकारी चीनी उधोग मंडल ली. सायण जो पिछले 43 सालों से उस क्षेत्र के किसानों की गन्ना फसल से चीनी बनाती है। 7 हजार सदस्य वाली इस संस्था में किसान सदस्य है। मोनसुन पुर्ण होने के बाद आए बेमौसम बारीश के कारण गन्ने के पिलाण का काम दस से पंद्रह दिन लेट शुरू हुआ। चीनी कारखाने के आयोजन अनुसार 5 मई को गन्ने का पिलाण बंद करना होता है। वर्तमान पिलाण सिजन 2020-2021 के दौरान कुदरती प्रकोप के समान चक्रवात तोखते ने सूरत सहित समग्र दक्षिण गुजरात में 17 और 18 मई 2021 के दोरान हुई भारी बारीश की असर से गन्ना फसल को भारी नुकसान हुआ। चक्रवात के कारण गन्ने की कटाई का काम अटकने से सायण सुगर मिल में रजिस्टर्ड 2100 एकर गन्ना फसल की कटाई बाकी होने से करीबन 15 करोड का भारी आर्थिक नुकसान संस्था के किसानों को उठना पडा है। 2100 एकर खेतों में गन्ना फसल के किसानों की लीस्ट शामिल है। चक्रवात के बाद आज तक सरकार द्वारा सर्वे नही किया। सायण सुगर मिल इस क्षेत्र के किसानों की लाईफलाईन (जीवनरेखा) के समान है और इस संस्था में गरीब मजदुर आते है उनके लिए संस्था द्वारा खाने पीने की व्यवस्था, जीवनाश्यक सामग्री से लेकर चिकित्सा एवं दवाईयां भी निःशुल्क दी जाती है। चक्रवात के कारण कारखाने में ट्रक और ट्रेक्टर मशीन चलाने वाले और उनके मालिकों को भी काफी नुकसान उठना पडा। इन सभी बातो को ध्यान में रखा जाए तो सायण सुगर मील को काफी आर्थिक नुकसान हुआ है और उसकी असर गरीब किसान, मजुदरो और वाहन मालिकों पर पडी है। इसके साथ कोरोना महामारी के दौरान धंधा, रोजगार में मंदी होने से किसानो की आर्थिक स्थिति पहले से ही खराब थी जो अब अति गंभीर बनी है। 
इस नुकसानी के दौरान किसानों को कुछ राहत मिले इस लिए सरकार विशेष मामले में किसानों के हित में आर्थिक पेकेज घो‌षित कर सहकार देने के लिए उचित कार्यवाही करे तांकी किसानों का आर्थिक नुकसानी से थोडी राहत मिल पाये। 
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