सूरतः अपर्याप्त अग्नि सुरक्षा सुविधाओं के कारण शहर में 18 अस्पताल एवं 1 वाणिज्यिक इकाई सील

सूरतः अपर्याप्त अग्नि सुरक्षा सुविधाओं के कारण शहर में 18 अस्पताल एवं 1 वाणिज्यिक इकाई सील

वराछा, पुणा, डिंडोली, गोडादरा, भाठेना, रामपुरा, लाल दरवाजा, मजुरा, सैयदपुरा, कतारगाम और मातावाड़ी क्षेत्रों की संपत्ति सील

महानगरों में अस्पताल में आग लगने की घटनाएं आम होता जा रहा है। सूरत दमकल विभाग ने पिछले दो हफ्ते से अस्पतालों में सर्वे किया था। सूचना के बाद भी फायर सेफ्टी नहीं लगाने पर दमकल विभाग ने अस्पतालों के खिलाफ कार्रवाई की। रविवार आधी रात को दमकल विभाग की विभिन्न टीमों ने शहर के 18 छोटे-बड़े अस्पतालों को सील कर दिया। इन अस्पतालों को चेतावनी दी गई है कि जब तक वे अग्नि सुरक्षा की गारंटी नहीं देते तब तक नए रोगियों को भर्ती न करें। इसके साथ ही एक कॉमर्शियल  इकाई  को भी सील कर दिया गया है। उच्च न्यायालय ने महानगरों के अस्पतालों और भवनों में अग्नि सुरक्षा के मुद्दे पर लाल आंख की है।
वराछा, पुण, डिंडोली, गोडादरा, भाठेना, रामपुरा, लाल दरवाजा, मजुरा, सैयदपुरा, कतारगाम और माता वाडी क्षेत्र की संपत्तियों को सील कर दिया गया है। पिछले दिन 18 अस्पतालों को सील करने के बाद सोमवार को 18 अन्य अस्पतालों को सील कर दिया गया। जिन 18 अस्पतालों को सील किया गया है उनमें से ज्यादातर अस्पतालों में मरीज भर्ती हैं। ताकि वार्ड, रिसेप्शन, डॉक्टरों के चैंबर समेत मरीजों के वार्ड को छोड़कर सभी वार्डों को सील कर दिया गया। पिछले एक महीने में दमकल विभाग ने 40 अस्पतालों में मॉक ड्रिल कर खामी दिखाते हुए नोटिस जारी किए हैं। दमकल विभाग ने वाणिज्यिक परिसरों को भी सील कर दिया।
इंचार्ज अग्नि मुख्य अधिकारी बसंत पारिख ने कहा कि नोटिस के बावजूद अग्नि सुरक्षा कार्यरत नही किया गया था। साथ ही  उपकरणों की कमी के कारण 18 अस्पतालों को सील कर दिया गया है।  हालांकि, मरीज भर्ती वाले परिसर को खुला रखे गया। जबकि वार्ड, रिसेप्शन को सील कर दिया गया है। जिन अस्पताल को सील मारा गया है वह अस्पताल न  तो अपॉइंटमेंट ले सकेंगे और न ही नए मरीजों को भर्ती कर सकेंगे।
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