कोरोना काल में घर में दुबके रहे लोग, तो जुते-चप्पल घिसे ही नहीं! फूटवेयर विक्रेताओं का बड़ा नुकसान

कोरोना काल में घर में दुबके रहे लोग, तो जुते-चप्पल घिसे ही नहीं! फूटवेयर विक्रेताओं का बड़ा नुकसान

स्कूलों के नहीं खुलने से और त्योहारों की सीजन में लोकडाउन के कारण नहीं हो पा रहा है व्यापार, कई व्यापारी कर्ज में डूबने से हुये मार्केट से फरार

जब से कोरोना महामारी फैली है अधिकतर लोग मजबूरन ही घर में दुबक कर बैठ गए है। कोरोना के कारण लोगों को काफी नुकसान झेलना पड़ा है। कई लोगों को अपनी नौकरी से भी हाथ धोना पड़ा है। हालांकि लोगों के घरों में बैठे रहने से फूटवेयर विक्रेताओं को भी काफी नुकसान झेलना पड़ा है। साल भर से अधिक समय के लिए सभी स्कूल-कॉलेज बंद होने के अलावा त्योहारों की सीजन में भी लोकडाउन लगा हुआ था। जिसके चलते शहर के 8000 फूटवेयर विक्रेता और 200 हॉलसेलर्स को  50 प्रतिशत से अधिक का नुकसान हुआ है। खास तौर पर प्युमा कंपनी के और आग्रा से आए हुये जूते गोडाउन में पड़े रहने के कारण करोड़ों का माल खराब होने की शिकायत उठी है। 
सभी क्षेत्रों की तरह फूटवेयर के व्यापारियों को भी काफी नुकसान सहना पड़ा था। शादियों की सीजन में और रमजान जैसे त्योहारों के समय लोकडाउन होने से सीजन में भी फूटवेयर की बिक्री नहीं हो पाई थी। जिसके चलते व्यापारियों का काफी ज्यादा स्टॉक बच गया था। इन स्टॉक में से प्युमा और आग्रा से आने वाले जूते-चप्पल तो खराब भी होने लगे है। कई व्यापारी तो कर्ज हो जाने के कारण पेमेंट दिये बिना ही मार्केट में से गायब हो चुके है, जिसके चलते 2000 करोड़ का व्यापार करने वाले सूरत के 8200 व्यापारियों को करोड़ो का नुकसान सहन करना पड़ेगा ऐसा असोशिएशन का मानना है। 
बता दे की कई व्यापारियों ने तो भागे हुये व्यापारियों के पास से पेमेंट निकालने के लिए पुलिस में भी आवेदन दिया है। पर उसका भी कोई निराकरण नहीं निकल रहा है। हर साल स्कूल खुलने के पहले बड़ी संख्या में छात्रों के स्पोर्ट्स और स्कूल शुज की खरीदी होती थी। पर दो सत्र से स्कूल के नहीं खुलने से वह व्यापार भी बंद हो गया है। रमजान के दौरान होने वाला व्यापार भी दो सालों से बंद है। इसके अलावा शादीयों की सीजन में होने वाला व्यापार और होटल तथा सिक्यूरिटी इंडस्ट्रीज में से मिलने वाले बड़े ऑर्डर भी रुक गए है। जिसके चलते रिटेल व्यापार 20 से 30 प्रतिशत ही रह गया है।