म्युकर मायकोसिस : ब्लैक फंगस दिमाग तक पहुंच जाने के दो मामले सूरत में दर्ज

म्युकर मायकोसिस : ब्लैक फंगस दिमाग तक पहुंच जाने के दो मामले सूरत में दर्ज

सूरत के विभिन्न अस्पतालों में म्युकर मायकोसिस के 114 मरीज उपचाराधिन और 75 वेइटिंग में

एक आफत जाती नहीं है कि दूसरी आफत आ जाती है। कोरोना के बाद इन दिनों म्यूकोर माइकोसिस नाम की बीमारी तेजी से बढ़ती जा रही है। गुजरात में दिमाग तक ब्लैक फंगस पहुंच जाने की घटनाओं के कारण स्वास्थ्य विभाग की नींद उड़ गई है। ब्लैक फंगस दिमाग तक फैल गई ऐसे गुजरात के पहले दो केस सूरत में दर्ज किए गए हैं।
रिपोर्ट के अनुसार सूरत के सिविल, स्मीमेर और किरण हॉस्पिटल मिलाकर 114 म्युकर माय‌कोसिस के मरीज उपचाराधीन हैं। जबकि 75 मरीज अभी उपचार के लिए वेटिंग लिस्ट में हैं। म्युकोर माइकोसिस  इलाज के लिए दिए जाने वाले ढेर सारे इंजेक्शन के समय सावधानी न रखी जाए तो किडनी को नुकसान हो सकता है। कई सारे इंजेक्शन देने के लिये बार-बार मरीज को सूई न चुबोनी पड़े इसके लिये उसकी गर्दन के पास सेंट्रल वेइन ह्रदय तक डाली जाती है। 250 एमजी के अलग-अलग डोज मरीज की शरीर की क्षमता के हिसाब से देने पड़ते हैं। 
जानकारों का कहना है कि इस रोग को नियंत्रित करने के लिए आवश्यक इंजेक्शन बनाने की प्रक्रिया बहुत लंबी और जटिल है। लगभग डेढ़ महीने में इंजेक्शन का बेच तैयार होता है। फिलहाल जिस तरह से मरीज बढ़ रहे हैं, उसके कारण आगामी दिनों में बड़ी संख्या में इंजेक्शन की जरूरत पड़ेगी और प्रशासन इसके लिये तैयारी कर रहा है।म्युकर माइकोसिस फंगस ब्लड के माध्यम से शरीर के अलग-अलग हिस्सों में फैलता है। शुरूआत में आंखो से होकर मेग्जिला तक पहुंचता है और कई मामलों मे दिल तक पहुंच कर नसों में अवरोध पैदा कर सकता है।