सूरत : कुछ बंदे ऐसे हैं जिन्हें कोरोना छूता तक नहीं!

सूरत : कुछ बंदे ऐसे हैं जिन्हें कोरोना छूता तक नहीं!

मरीजों की सेवा के साथ निजी सुरक्षा का ध्यान और भाग्य को मानते हैं कारणभूत

सूरत शहर में कोरोना की दूसरी लहर चल रही है। ऐसे में बड़ी संख्या में मेडिकल सेवा से जु़डे लोग कोरोना के संक्रमण का शिकार बने हैं। कई डॉक्टर और नर्स भी कोरोना वायरस के दूसरे लहर की चपेट में आ गए हैं। लेकिन सिविल में बीते 1 साल से डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ के साथ ताल में ताल मिला कर कोरोना वरियर्स मरीजों का उपचार कर रहे कई स्वयंसेवक ऐसे भी हैं जिन्हें की कोरोना अब तक छू भी नहीं सका है। 
जब भी कोरोना वोरियर्स की बात की जाती है, तो इसमें डॉक्टर, नर्स आदि का नाम ही लिया जाता है। लेकिन इसमें कई बार छोटे छोटे कर्मियों को भुला दिया जाता है। जिसमें की सफाई कामदार, सिक्योरिटी गार्ड तथा सिविल स्टाफ की मदद करने वाले कई छोटे-छोटे कर्मचारी शामिल हैं। सिविल हॉस्पिटल के मेडिसिन विभाग में काम कर रहे डॉ अश्विन वसावा तथा डॉ.अमित गामित सहित कई डॉक्टर जो की पिछले साल जब से कोरोना संक्रमण शुरू हुआ तब से मरीजों की सेवा कर रहे है। हालांकि इसके बावजूद आज तक उन्हें कोरोना छु तक नहीं सका है। 
इसके अलावा, डिंडोली में रहने वाली 50 साल की अरूणाबेन जो की बीते 13 महीने से सूरत सिविल हॉस्पिटल में कोरोना संक्रमितो का देखरेख कर रही है। मेल नर्स दिनेश अग्रवाल, नीलेश लाठिया, वीरेन पटेल सहित अन्य कई नर्सिंग स्टाफ 1 साल से कोरोना संक्रमितो की देखरेख में है। गोड़ादरा में रहने वाले दीपक सैंदाने नाम का युवक 14 महीने से कोरोना के मरीजों के लिए चाय, पानी का इंतजाम कर रहा है। इसी तरह सुपरवाइजर गणेश भी सुबह 6 बजे से रात के 12 बजे तक सेवा में रहता है। इसके अलावा अन्य कई कोरोना वोरियर्स है, जिन्हें कि अभी तक लोगों की दुआओं ने कोरोना से दूर रखा है।