
सूरतः , महिला डॉक्टर ने अपनी ओपीडी को बंद कर 10 आइसोलेशन सेन्टर में दे रही सेवा
By Loktej
On
पैसा कमाना के लिए तो जिंदगी पड़ी है, सेवा का अवसर भाग्य से मिलता है
वराछा क्षेत्र में सेवा ग्रुप द्वारा संचालित 10 आइसोलेशन सेन्टर में शहर का डॉक्टर दंपति निशुल्क सेवा दे रहे हैं। डॉ शैलेश भयानी एमडी फिजिशियन और उनकी पत्नी डॉ. हेतल भयानी एमडी होम्योपैथी में हर दिन 70 से 80 मरीज को देखते हैं। डॉ. हेतलबेन ने आइसोलेशन सेन्टर में सेवा देने के लिए अपनी ओपीडी को भी बंद कर दिया है। उनका मानना है कि आइसोलेशन सेन्टर तो फटाफट शुरु हो जाते हैं। डॉक्टरों की कमी के कारण हमने सेवा करने का फैसला किया।
डॉ. शैलेश भयानी, एमडी फिजिशियन (चेस्ट) ने कहा कि मैं रोजाना 4 आइसोलेशन सेन्टर का दौरा कर 30-40 मरीजों का इलाज करता हूं। यदि गैर मेडिकल लोग इतनी मेहनत करते हैं तो हम क्यों पीछे रहे। उन्होंने कहा कि पैसा कमाने के लिए तो पूरी जिंदगी पड़ी है, लेकिन लोगों की सेवा का अवसर को भाग्य से मिलता है।
डॉ. हेतल भयानी, एमडी होम्योपैथिक ने कहा कि मैं सुबह दवा की किट बनाता हूं और मरीजों को होम्योपैथिक दवाएं देता हूं।
केरल के 26 वर्षीय डॉ. दिलीन डेविस सूरत के नए सिविल अस्पताल में मेडिसिन विभाग में पीजी के दूसरे वर्ष में अध्ययन कर रहे हैं। कोरोना की पहली लहर में भी दिन-रात मरीजों का इलाज करने में शामिल थे । रोजाना 10 घंटे से ज्यादा पीपीई किट पहनकर मरीजों की देखभाल कर रहे थे। गत 7 अप्रैल को, उन्हें बुखार और खाँसी के लक्षण दिखाई दिया, रिपोर्ट कराने पर पॉजीटिव आया। होम आइसोलेसन् में रहने के बाद 17 अप्रैल को स्वस्थ होने के बाद फिर से ड्युटी पर जुड़ गये। डॉ. दिलेन ने कहा कि मैंने कोरोना वैक्सीन की दोनों खुराक ली है, जिससे मुझे कोरोना से कम प्रभावित हुआ है। दूसरी लहर बहुत घातक है। लोगों को सावधान रहने की जरूरत है। '
Tags: Gujarat
Related Posts
