सूरतः उच्च रक्तचाप की बीमारी के साथ 77 वर्षीय हंसाबेन ने सात दिनों में कोरोना को हराया

सूरतः उच्च रक्तचाप की बीमारी के साथ 77  वर्षीय हंसाबेन ने सात दिनों में कोरोना को हराया

कोरोना वैक्सीन की दोनों खुराक लेने से अधिक उम्र होने के बाद भी कोरोना को मात देने में सफलता मिली

नई सिविल अस्पताल के चिकित्सकों की कड़ी मेहनत से वृद्धा को मिला नवजीवन
कोरोना की दूसरी लहर में कोरोना का संक्रमण दिनों-दिन बढ़ता जा रहा है। वहीं, नई सिविल डॉक्टरों के अथक प्रयासों के कारण बुजुर्ग मरीजों को ठीक करने में सफलता मिल रही है। सूरत शहर के घोडदौड़ रोड इलाके में रहने वाले 77 साल की हाइपरटेंशन से पीड़ित  हंसाबेन ने सिविल अस्पताल में सात दिनों के इलाज के बाद कोरोना को हरा दिया। अधिक उम्र होने के बावजूद वृद्धा के सामने से कोरोना को पीछे हटना पड़ा है। हंसाबेन की तरह, कई बड़े बुजुर्ग भी कोरोना को हराने में सफल रहे।
हंसाबेन ने कोरोना मुक्त होने पर खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि "मैंने कोरोना वैक्सीन की दोनों खुराक ली थी। बावजूद उसके मुझे कोरोना हुआ। लेकिन टीका लगवाने से मैं जल्दी से ठीक हो गया हूं। मुझे बुखार था और 10 अप्रैल को कोरोना की रिपोर्ट कराने पर मेरा रिपोर्ट पॉजीटिंव आया था। इसलिए मुझे तुरंत इलाज के लिए सिविल अस्पताल के कोविड वार्ड में भर्ती कराया गया। जहाँ मेरा ऑक्सीजन का स्तर कम था इसलिए मुझे ऑक्सीजन पर रखना पड़ा। मन में बहुत डर था। लेकिन सिविल डॉक्टरों ने मुझे उचित इलाज दिया और मुझे कोरोना से मुक्त कर दिया। सिविल अस्पताल की उम्दा उपचार और मेरे बेटे जैसे डॉक्टरों ने सात दिनों में मुझे ठीक कर दिया।
उन्होंने कहा कि  "जब मुझे सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया, तो मेरे फेफड़ों में 35% कोरोना संक्रमण था और मेरा ऑक्सीजन स्तर गिर गया था। लेकिन सिविल डॉक्टरों की मेहनत की बदौलत मैं सात दिन के इलाज के बाद घर लौट आया हूं। यह सिविल में भगवान के दूत की तरह डॉक्टरों, चिकित्सा कर्मचारियों द्वारा संभव हो पाया है। इलाज के बाद, 16 अप्रैल को, रिपोर्ट नकारात्मक आने पर अस्पताल से  छुट्टी दी गई थी।
सिविल अस्पताल के डॉ. अश्विन वसावा, डॉ.प्रियंका शाह, डॉ. दीपाली पटेल, डॉ. अमीरा पटेल सहित नर्सिंग और पैरामेडिकल स्टाफ का सफल उपचार ऐसे कई रोगियों को नवजीवन मिल रहा है।  
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