सूरत : कोविड सेंटर में गूंजी गरबा की धून, मरीजों के शारीरिक-मानसिक स्वास्थ्य के लिये कराया एरोबिक्स

सूरत : कोविड सेंटर में गूंजी गरबा की धून, मरीजों के शारीरिक-मानसिक स्वास्थ्य के लिये कराया एरोबिक्स

कोरोनाग्रस्त आराम महसूस कर सके इस लिए ऐसा प्रयास किया गया

कोरोना  संक्रमण की चपेट में पूरा शहर आ गया है। हर क्षेत्र में कोरोना संक्रमण का प्रचलन बढ़ा है। सूरत के नाना वराछा इलाके में आइसोलेशन सेन्टर में, रोगियों को एक अनुकूल वातावरण मिलता है और वे कोरोना के तनाव से राहत महसूस करते हैं। गरबा के गीत पर मरीजों के सामने एक एरोबिक्स किया जा रहा है। रोगियों को शारीरिक और मानसिक रूप से लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से अनूठी योजना बनाई गई है।
शहर के विभिन्न क्षेत्रों में तत्काल प्रभाव से आइसोलेशन वार्ड केंद्र स्थापित किए गए हैं। जिसमें सामाजिक संगठन और गैर सरकारी संगठन आगे आ रहे हैं। छोटा वराछा क्षेत्र में युवा संस्कृति चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा कोविड आइसोलेशन सेन्टर  की स्थापना की गई है। 35 बेड की ऑक्सीजन सुविधा वाला एक कोविड केंद्र स्थापित किया गया है। जिसमें ट्रस्ट के युवा स्वयंसेवकों द्वारा मरीजों को प्रेरित करने के लिए सबसे अधिक प्रयास किए जा रहे हैं।
कोविड अलगाव केंद्र में मरीजों को राहत देने पर अधिक जोर दिया जा रहा है। पूरे शहर में कोरोना के डर का माहौल है। जो व्यक्ति कोरोना से संक्रमित है, वह अधिक खतरे में पाया जाता है। प्रशासकों द्वारा अलगाव केंद्र में एरोबिक्स का आयोजन किया गया था। अलगाव केंद्र में हर दिन अलग-अलग कार्यक्रम किए जाते हैं। एक दिन हास्य कलाकार, योग, खोडल मातानी आरती, प्रेरणा वक्ता, गरबा के साथ-साथ विभिन्न गतिविधियाँ की जा रही हैं।
कोरोना संक्रमित रोगियों को ऐसी स्थिति में भी यदि मनोरंजन प्रदान किया जाये तो मनसिक तनाव से छुटकारा दिलाया जा सकता है। नतीजतन, उपचार दिए जाने के साथ रिकवरी तेज हो सकती है। अलगाव केंद्र में सभी उम्र के मरीज आ रहे हैं। अस्पताल में व्यवस्था न होने तक इन मरीजों का यहां ऑक्सीजन के सहारे इलाज किया जा रहा है। ऐसे कई मरीज हैं जो यहां इलाज कराने के बाद ठीक हो जाते हैं और घर चले जाते हैं। इसलिए यदि किसी को अधिक संक्रमण होता है, तो उसे व्यवस्था होते ही अस्पताल में रेफर कर दिया जाता है।
यूथ कल्चर चैरिटेबल ट्रस्ट के अध्यक्ष अंकित ने कहा, "हमने अपने सभी रोगियों के लिए मन की शांति और तनाव लाने का हर संभव प्रयास किया है।" हम योग और प्रेरणा वक्ताओं की मदद से उन्हें मानसिक स्थिरता देने की कोशिश करते हैं। हम एरोबिक्स और कॉमेडियन को आमंत्रित करके उनका मनोरंजन करने का भी प्रयास करते हैं। सभी मरीजों को  दो बार नास्ता एवं दो टाइम का भोजन दिया जाता है। साथ ही समय-समय पर रोगियों को लगातार रस देने की व्यवस्था की गई है। ताकि मरीजों को संतुलित आहार मिले।
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