सूरत : कपड़ा मार्केटों में चेकिंग शुरु होने के बाद से व्यापार में आई कमी, अधिकांश व्यापारी बंद के पक्ष में नहीं

सूरत : कपड़ा मार्केटों में चेकिंग शुरु होने के बाद से व्यापार में आई कमी, अधिकांश व्यापारी बंद के पक्ष में नहीं

मार्केट में आने वाले सभी लोगों के लिए 48 घंटे के भीतर का कोरोना नेगेटिव रिपोर्ट अनिवार्य, व्यापार बनाएँ रखने के लिए कोरोना के बीच दुकान चालू रखने को दुकानदार मजबूर

बीते साल मार्च में कोरोना के देश आगमन के कारण लगे लगे देशव्यापी लॉकडाउन की बलि चढ़ चूका व्यापर जैसे तैसे गति पकड़ ही रहा था की कोरोना का आतंक फिर बढ़ उठा! पिछले साल मार्च में लगे लॉकडाउन के बाद लगभग ९ महीने तक पूरी तरह से बंद रहने के बाद सूरत का कपड़ा बाजार धीरे-धीरे गति पकड़ने की कोशिश में लगा हुआ था कि कोरोना की दूसरी लहर ने सब चौपट कर दिया।
आपको बता दें कि वर्तमान में कोरोना के दूसरी लहर के कारण एक बार फिर कपड़ा बाजार संकट में दिखाई दे रहा है। एक ओर कोरोना का आतंक वहीं दूसरी ओर व्यापार को बनाएं रखने के लिए व्यापारी कोरोना के आतंक के बीच भी काम चालू रखने पर मजबूर है। उस पर पहले तो विभिन्न राज्य सरकारों ने नागरिकों के आने जाने के लिए ४८ घंटो के अंदर के कोरोना नेगेटिव रिपोर्ट को अनिवार्य कर दिया है। इस कारण गुजरात के बाहर के व्यापारी सूरत कपड़ा बाजार आने से कतरा रहे है। इसके बाद शहर में बढे मामलों के मद्देनजर प्रशासन ने बाजार में काम करने वाले कर्मचारियों और व्यापारियों के लिए भी रिपोर्ट वाले नियम को अनिवार्य कर दिया है। रिपोर्ट के अलावा आने-जाने के नियमों की कड़ाई ने माहौल को ठंडा कर रखा है। वहीं नाईट कर्फ्यू के समय में बढ़ोत्तरी ने भी प्रभावित किया है। इन सब के साथ साथ आये समय प्रशासन के लोगों द्वारा आ कर जाँच करने और जुर्माना लगाने से व्यापारी और अधिक परेशान है।
आपको बता दें कि प्रशासन की कड़ाई के कारण के व्यापारियों में आक्रोश देखा जा रहा हैं। ऐसे में व्यापारियों ने आपसी समझौते से लॉकडाउन करने का प्रस्ताव रखा। ऐसे में कई व्यापारियों ने स्वैच्छिक लॉकडाउन मानकर ३ दिनों के लिए अपनी दुकान बंद कर दी, लेकिन कई लोग इस बात से सहमत नहीं है। कई व्यापारियों ने अपने दुकान पर जान है तो जहान हैं! लिखकर शुक्रवार से रविवार तक अपनी दुकान बंद रखने वाले है लेकिन अभी भी कई व्यापारी है जो अपने काम को बंद करने के पक्ष में नहीं है।
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