सूरत : एक पुलिस अधिकारी के खिलाफ मामला दर्ज करने का अदालत का आदेश, जानें क्या हुआ था

दो जगह दर्ज की एक ही केस की शिकायत, कोर्ट ने दिया जांच के आदेश

पुलिस का काम होता है लोगों की रक्षा करना, पर यदि पुलिस खुद लोगों के अधिकारों का हनन करने लगे तो उन्हें कौन रोकेगा। कुछ ऐसा ही हुआ जब सिंगनपोर इलाके के पुलिस अफसर ने अपनी सत्ता का गलत उपयोग करते हुये तीन आरोपियों को अवैध तरीके से जैल में कैद करके रखा था। जब तीनों ने अपनी बात अपने वकील द्वारा कोर्ट के सामने राखी तो कोर्ट ने भी पुलिस अफसर के खिलाफ तात्कालिक केस दर्ज करने का आदेश दिया था। 
गुजराती समाचार संस्था खबरछे की रिपोर्ट के मुताबिक, सिंगनपोर गाँव के सुमन दर्शन आवास में रहने वाले हिरेन मांगुकिया के मामा के पुत्र संदीप केवड़िया ने डभोली स्थित शिवालिक कॉम्प्लेक्स में एक कॉफी शॉप शुरू करने की योजना बनाई थी। 3 मार्च 2021 के दिन अंकुर डेर, नवनीत बोदर और रंजीत डोरिया ने हिरेन मांगुकिया को कॉफी शॉप चालू करने के लिए पुलिस के द्वारा कुछ जुगाड़ करने के लिए उन्हें 20 हजार देने की बात की। तीनों ने हिरेन से 20 हजार ले भी लिए। 
हालांकि बाद में हिरेन ने अपना कॉफी शॉप शुरू करने का प्लान कैन्सल कर दिया और तीनों से अपने पैसे वापिस मांगे। पर तीनों ने पैसे देने से इंकार कर दिया, जिसके चलते हिरेन ने सिंगनपोर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज करवाई थी। सिंगनपोर पीआई सैलेया ने 22-3-2021 को तीनों को गिरफ्तार करके 24 मार्च के दिन कोर्ट में पेश भी किया था। संयोग से उसी समय कतारगाम के पीआई के छुट्टी पर थे, जिसके चलते कतारगाम पुलिस स्टेशन का चार्ज भी सैलेया के पास ही था। 
अपनी सत्ता का दुरुपयोग करते हुये सैलेया ने तीनों के खिलाफ फिर से कतारगाम में उसी केस की शिकायत दर्ज कर गलत तरीके से सिंगनपोर पुलिस स्टेशन से तीनों आरोपियों को वहाँ से हटाकर कतारगाम पुलिस स्टेशन में लाने के लिए पीएसओ को टेलिफोनिक जानकारी दी। जब तीनों को कोर्ट में पेश किया गया तो अपने वकील यशवंत वाला के माध्यम से तीनों ने सैलेया की शिकायत की थी। जिसके चलते कोर्ट ने गलत केस दर्ज करने के आरोप के चलते राज्य के डीजीपी और सूरत पुलिस कमिश्नर को पीआई ए पी सैलेया के खिलाफ डीसीपी कक्षा के अधिकारी की जांच बिठाकर 60 दिन में कोर्ट को रिपोर्ट देने का आदेश किया है। 
Tags: Gujarat

Related Posts