गारंटी है ऐसा शातिर नहीं देखा होगा; पुतले को पीपीई किट पहना पिता के फ़र्जी शव का अंतिम संस्कार, फिर खुला भेद!

गारंटी है ऐसा शातिर नहीं देखा होगा; पुतले को पीपीई किट पहना पिता के फ़र्जी शव का अंतिम संस्कार, फिर खुला भेद!

पूरी तरह से PPE किट पहनाकर किया डमी लाश का अंतिम संस्कार, पुलिस और कोर्ट सहित बैंक और बीमा कंपनी को भी लगाया चुना

सूरत के वेसु में रहने वाले एक पिता-पुत्र ने बिलकुल ही फिल्मों की कहानी जैसा प्लान बनाकर पुलिस और कोर्ट सहित कई लोगों को गुमराह किया था। किस तरह से कोरोना की गाइडलाइन का इस्तेमाल कर पिता-पुत्र ने कोर्ट और पुलिस की आंखो में धूल झौंकी थी, वह सच में किसी फीचर फिल्म से कम नहीं है। हालांकि वह कहते है ना की मानवी की खराब आदतें उसे नुकसान देती ही है। कुछ ऐसा ही हुआ यहाँ भी, जहां एक फुलप्रूफ प्लान होने के बावजूद पिता-पुत्र दोनों को पुलिस ने धर दबोचा था। 
नकली सर्टिफिकेट बनवाकर कोर्ट और पुलिस सहित सभी को चुना लगाया 
विस्तृत जानकारी के अनुसार, वेसु के गोएंका स्कूल के पास केपिटल ग्रीन में रहने वाले संजय खैराडी ने कमलेश उर्फ कमल चंदवाई के खिलाफ लाखों के चीटिंग का केस दर्ज किया था। केस दर्ज हो जाने के कारण कमलेश ने कोर्ट में से अग्रिम जमानत ले ली थी। जिसके तहत कोर्ट ने दिनांक 12-11-2020 तक कोर्ट में 2 लाख रुपए जमा करने के लिए कहा था।  हालांकि कमलेश चंदवानी को यह पैसे भी ना देने पड़े, उन्हें सभी केसों में से छुटकारा भी मिल जाएँ, बैंको में से मिली लोन भरने से मुक्ति मिल जाए और इसी के साथ लाखों की विमा पॉलिसी भी मिले। इस तरह के सभी लाभ लेने के लिए पिता-पुत्र ने एक मास्टर प्लान बनाया। जिसके अनुसार, पुत्र वरुण के साथ मिलकर कमलेश चंदवानी को एक जाली डेथ सर्टिफिकेट बनवाया। जिसके आधार पर कमलेश के ऊपर लगे सारे केस डिस्पोज़ हो गए। 
सूरत से भागकर पनवेल में स्थायी रहने लगा व्यक्ति
अपना जाली सर्टिफिकेट बनवाने के बाद कमलेश सूरत छोड़ कर महाराष्ट्र के पनवेल में रहने चला गया था। यहाँ से वह बार बार पुणे के एक बार में आता रहता। इसी बीच धोखे का शिकार हुये व्यापारी संजय खैराडी ने पुलिस को फिर से शिकायत दर्ज कारवाई थी। इसके बाद पुलिस ने चार दिन के बाद पुणे में कमलेश को एक बार में पकड़ा और पूछताछ शुरू की। 
पुलिस ने स्मशानभूमि में जाकर भी इस बारे में जानकारी हासिल की थी। जहां एक चौकने वाला खुलासा हुआ था। आरोपी से पूछपरछ के दौरान पता चला की जिस दौरान कोरोना चल रहा था तो उसकी नकली लाश बनाकर एक डमी लाश को पूर्ण तरह से पीपीई किट पहनाकर तैयार किया गया था। जिसके बाद गॅस चैंबर में उसकी नकली लाश जला दी गई थी। 
कोरोना गाइडलाइन का उठाया फायदा
कोरोना की गाइडलाइन की आड़ में इस तरह का काम करके पिता-पुत्र ने नकली मृत्यु का प्रमाण पत्र बनवाया था। फिलहाल पुलिस ने आरोपी के रिमांड मंजूर करवा लिए है, हालांकि आरोपी का पुत्र अभी भी फरार चल रहा है। नकली प्रमाणपत्र बनवाने के अलावा पुलिस इस बात की भी जानकारी हासिल कर रही है की इसके लिए उन्होंने डॉक्टर का लेटरपेड़ कहाँ से लाया। उसकी कितनी लोन बाकी है और विमा पॉलिसी कितने की है। इन सभी बातों की जानकारी प्राप्त करने के लिए पुलिस ने कमलेश चंदवानी के 3 दिन के रिमांड लिए थे। 

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