सूरत रेलवे स्टेशन पर आने वाले यात्रियों की कोरोना जांच में प्रशासन को इसलिये हुई दिक्कत

सूरत रेलवे स्टेशन पर आने वाले यात्रियों की कोरोना जांच में प्रशासन को इसलिये हुई दिक्कत

कोरोना के बढ़ते कहर के बीच पालिका और रेलवे पुलिस के बीच असमंजस

शहर में जब से कोरोना का कहर बढ़ने लगा है, सभी बड़ी रेलवे और बस स्टेशन पर यात्रियों का कोरोना टेस्ट अनिवार्य कर दिया गया है। सूरत रेलवे स्टेशन पर भी बाहर से आए पैसेंजरो का रैपिड टेस्ट करने के लिए आरोग्य विभाग की टीम द्वारा कैंप लगाया गया है। परंतु ट्रेन में से उतर कर स्टेशन के बाहर आने वाले पैसेंजर पालिका की टीम को देखकर यहां वहां से छूटने का प्रयास करते हैं। यात्रियों को समझाने और रोकने के लिए रेलवे पुलिस की मदद भी मांगी गई। परंतु एक भी पुलिसकर्मी हाजिर नहीं हुआ जिससे पालिका की टीम को रैपिड टेस्ट करने के काम में काफी तकलीफ आ रही है। 
पालिका के कर्मचारी को देखकर भागते है लोग
शहर में कोरोना केस का आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है। सूरत में रहने वाले कई पर प्रांतीय तथा रोज अप डाउन करने वाले पैसेंजर्स राज्य में आ रहे हैं। कोरोना के सभी केसों में 50% से ज्यादा केस ट्रैवल हिस्ट्री होने वाले लोगों का ही सामने आया है। ऐसे में रेलवे स्टेशन पर पालिका की टीम द्वारा रेलवे स्टेशन पर रैपिड टेस्ट के लिए एक कैंप लगाया गया है। परंतु पैसेंजर गाड़ी में से उतरने के बाद कैंप तक पहुंचने की जगह छटकने का प्रयास करने लगते हैं। 
रेलवे पुलिस नहीं आई आगे
टेस्ट करने के पालिका के कर्मचारी यात्रियों को काफी समजाते है। पर फिर भी वह बिना टेस्ट किए ही वहाँ से निकल भागते है। इन सभी के लिए पालिका द्वारा जब रेलवे पुलिस की मदद मांगी गई, तो वहां एक भी पुलिस कर्मी मौजूद नहीं हुआ जिसके चलते रैपिड टेस्ट करने के कार्य में काफी दिक्कतें सामने आई। उल्लेखनीय है की जब शहर में हर दिन कोरोना के केस तेजी से बढ़ रहे हैं, वैसे में रेलवे पुलिस की लापरवाही क्या आम जनता को भारी पड़ सकती है?
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