सूरत : व्यापारी-विवरों की गुत्थी का विवेकपूर्ण समाधान कारोबार के लिए ज़रूरी, वरना फिर होगा संकट

सूरत : व्यापारी-विवरों की गुत्थी का विवेकपूर्ण समाधान कारोबार के लिए ज़रूरी, वरना फिर होगा संकट

विवर्स और व्यापारियों के बीच के झगड़े को खतम करने के लिए प्रोसेसिंग यूनिट के अग्रणीयों ने की अपील

सूरत में शादियों की सीजन आ रही है, पर व्यापारियों और विवर्स के बीच हो रहा विवाद व्यापार और उद्योग जगत को परेशानी में डाल सकता है। इसलिए इस विवाद का जल्द से जल्द हल लाने के लिए प्रोसेसर्स विभाग के अग्रणीयों ने दोनों पक्षों को अपील की है। 
पिछले कई सालों से शहर का टेक्सटाइल उद्योग अलग अलग परेशानियों का सामना कर रहा है। नोटबंदी, जीएसटी और अब कोरोना महामारी के कारण टेक्सटाइल उद्योग अपने मुश्किल दौर में से गुजर रहा है। ऐसे में दस दिन बाद आने वाले होली और उसके बाद शुरू होने वाले शादियों के सीजन के चलते लोगों को अच्छे व्यापार की आशा है। पर इसी बीच विवर्स और व्यापारियों के बीच हो रहा विवाद एक बड़ी तकलीफ बन सकती है। 
पिछले दो महीनों से व्यापार उद्योग में डिलिवरी चार्ज और डिस्काउंट के प्रश्नों के कारण काफी तंग वातावरण का निर्माण हुआ है। कोरोना महामारी का सेकंड फेज चल रहा है, ऐसे में व्यापारी और विवर्स अपने सभी प्रश्नों का जल्द से जल्द निराकरण लाये ऐसा अग्रणी प्रोसेसर्स का कहना है। 
ज्यादा नहीं पर हो रही है नकारात्मक असर
विवर्स और व्यापारियों के बीच चल रही यह परेशानी यदि अधिक समय के लिए चली तो प्रोसेसिंग यूनिटस को तकलीफ पद सकती है। शहर की प्रोसेसिंग इंडस्ट्रीज से जुड़े कुछ लोगों ने बताया की अभी तो मिल में माल आ रहा है। पर ऐसा नहीं है की बहुत ज्यादा माल आ रहा है और ऐसा भी नहीं है की बिलकुल ही कम माल आ रहा है। पर यदि परिस्थिति ऐसी ही रही तो काम को असर पड़ सकती है। 
बाहर से भी आता है सूरत के प्रोसेसिंग सेंटरों में माल
शहर के डाइंग प्रोसेसिंग यूनिट्स में अहमदाबाद, इचलकरंजी, भिवंडी, तिरुपुर जैसे केन्द्रों में से माल प्रोसेसिंग के लिए आता है। जिसका हिस्सा अब बढ़ कर 25 प्रतिशत हो गया है। कुछ मिलों में बाहर का काम बहुत ही ज्यादा आ रहा है। कॉटन, रेयॉन, फेब्रिक का काम सही से चल रहा है। अभी भी मिलों में 70 से 80 प्रतिशत माल डायरेक्ट भेजा जा रहा है। 
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