
सूरतः दो करोड़ के धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज नहीं करने पर अदालत सख्त, दिया सरथाणा पीआई के खिलाफ शिकायत दर्ज करने का आदेश
By Loktej
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आपराधिक शिकायत को सिविल का मामला बताकर फाइल दफ्तर की गई थी
लगता है कि जानबूझकर कानून के आदेश की अवज्ञा की है: अदालत
शहर के सरथाणा थाना क्षेत्र में 1.90 करोड़ के धोखधड़ी एवं ठगी मामले की शिकायत नही दर्ज शिकायत ही सिविल मैटर हो ऐसा रिपोर्ट पर शिकायत का अनुच्छेद ही उड़ा देने वाले सरथाना पुलिस स्टेशन के पीआई जी.ए. पटेल के खिलाफ न्यायालय ने सीआरपीसी 154 (1) के तहत शिकायत दर्ज करने का निर्देश दिया। साथ ही डीसीपी को 60 दिनों के भीतर पुलिस जांच रिपोर्ट अदालत में प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। अदालत ने कहा कि सरथाणा पीआई ने अपराध के मामले में जानबूझकर कानून के आदेश की अवहेलना की है। हालांकि, अदालत ने यह भी कहा कि मामले में मंजूरी की कोई आवश्यकता नहीं थी।
पीआईए ने डायरी में नोट भी नहीं किया
कोर्ट में शिकायत के बाद पीआई के खुलासे की मांग करने पर पीआई ने जवाब दाखिल किया। जिसमें पीआईए सरथाना ने कहा है कि शिकायत की जांच करने वाले वित्तीय लेनदेन को उच्च सिविल अदालत द्वारा लिया जाना है। इसके मद्देनजर, पीआई सरथाना ने यह नहीं बताया है कि शिकायतकर्ता की शिकायत संज्ञेय है या मामला डायरी का है। सात दिनों के भीतर केस डायरी में नोट भी नही किया गया।
गेमिंग जोन के नाम पर धोखाधड़ी हुई थी
अभियोजक जयदीप नैथानी ने निवेश के नाम पर धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज करने के लिए 28 सितंबर, 2020 को सरथाना पुलिस स्टेशन का दरवाजा खटखटाया था। अभियुक्त रसिक नाथानी ने गेमिंग जोन के नाम पर धन की लूट की थी, लेकिन कोरोना काल होने पर पैसा वापस नहीं किया। पीआईए ने संज्ञेय अपराध की लिखित शिकायत के बावजूद धारा 154 के तहत प्राथमिकी दर्ज नहीं की। वादी ने अंततः अदालत में मुकदमा दायर किया।
तीन साल की कैद का प्रावधान
अदालत ने 166 (ए) के साथ गैर-अनुपालन के लिए पीआई के खिलाफ शिकायत दर्ज करने का आदेश दिया यानी, कानून का आदेश। अधिवक्ता ज़मीर शेख ने कहा कि इस धारा के तहत तीन साल के कारावास का प्रावधान है, लेकिन अपराध जमानती है।
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