गुजरात विधानसभा चुनाव : कुतियाणा सीट पर दबंग घमासान, 32 साल बाद महिला उम्मीदवार मैदान में

गुजरात विधानसभा चुनाव : कुतियाणा सीट पर दबंग घमासान, 32 साल बाद महिला उम्मीदवार मैदान में

भारतीय जनता पार्टी ने इस बार बाहुबली परिवार की बहू को मैदान में उतारा

कुतियाणा सीट पर कब्जा करने के लिए तीन मजबूत उम्मीदवार मैदान में उतरे हैं। कांधल जडेजा को कुतियाणा का बादशाह बनने से रोकने के लिए भारतीय जनता पार्टी ने इस बार बाहुबली परिवार की बहू को मैदान में उतारा है और वो हैं ढेलीबेन ओदेदरा। कुतियाणा में लगातार दो बार बीजेपी और कांग्रेस नहीं बल्कि एनसीपी के पूर्व नेता कांधल जडेजा का दबदबा रहा है। बीजेपी ने इस बार कुतियाणा से ढेलीबेन ओडेदरा को टिकट दिया है, जबकि कांग्रेस ने नाथा ओडेदरा को टिकट दिया है। इस विधानसभा चुनाव में मौजूदा विधायक कांधल जडेजा ने एनसीपी द्वारा उन्हें जनादेश देने से मना करने के बाद निर्दलीय और सपा प्रत्याशी के तौर पर दो फॉर्म भरे हैं।

1990 में 'गॉडमदर' संतोकबेन जडेजा ने लड़ा था चुनाव


आपको बता दें कि कुतियाणा के कुरुक्षेत्र से 32 साल बाद पहली बार किसी महिला प्रत्याशी ने चुनाव लड़ा है। ढेलीबेन से पहले 1990 में 'गॉडमदर' संतोकबेन जडेजा निर्दलीय चुनाव लड़कर विधायक बनी थीं। इतना ही नहीं भाजपा की ढेलीबेन और निर्दलीय प्रत्याशी कांधल आपस में बुआ-भतीजी हैं।

क्या बाहुबली कांधल जडेजा के लिए चुनाव जीतना है मुश्किल?


राजनीतिक पर्यवेक्षकों की मानें तो कांधल जडेजा इस सीट से दो बार जीत चुके हैं, लेकिन पहले की तरह इस बार भी उनके लिए जीतना आसान नहीं होगा, क्योंकि इस बार बीजेपी और कांग्रेस ने भी मेर समाज से उम्मीदवार उतारे हैं। इस बार सभी राजनीतिक दल मेर समाज के उम्मीदवारों ढेलीबेन और नत्थाभाई को टिकट देकर वोटों का बंटवारा कर सकते हैं।

ढेलीबेन है एक मजबूत उम्मीदवार


बीजेपी से 28 साल से कुतियाणा नगर पालिका की अध्यक्ष रहीं ढेलीबेन ओदेदरा इस बार विधानसभा चुनाव में किस्मत आजमा रही हैं। नामांकन पत्र भरते समय उनके द्वारा प्रस्तुत शपथ पत्र में दी गई जानकारी के अनुसार, ढेलिबेन ओदेदारा का जन्म 01 मई, 1963 को कुतियाणा तालुक के कोटडा गाँव में हुआ था। उनके पास 3।02 करोड़ रुपए की संपत्ति है। वे कृषि व्यवसाय से जुड़े हैं। इसके अलावा उनके खिलाफ कोई अपराध दर्ज नहीं किया गया है। इस प्रकार भाजपा प्रत्याशी ढेलीबेन के पास सत्ता, धन बल और किसी भी प्रत्याशी को टक्कर देने की क्षमता है।

1995 से अब तक नगर अध्यक्ष


ढेलीबेन ओदेदरा केवल 10वीं कक्षा तक पढ़ने के बावजूद एक जानी-मानी महिला नेता हैं। 1995 में राजनीति में शामिल हुए और 1995 से कुतियाणा नगर पालिका में अध्यक्ष के रूप में कार्यरत हैं। वे अन्न दान से लेकर वस्त्र दान, गरीब लोगों की आर्थिक मदद, अस्पतालों में गरीब लोगों की मदद, सभी जातियों की शादियां कराने से लेकर हर काम में मदद कर रही हैं।

सीट पर 'गॉडमदर' के बेटे का राज


सौराष्ट्र के दबंग नेता कांधल जडेजा का लंबा राजनीतिक और पारिवारिक इतिहास रहा है। कांधल जडेजा के पिता सरमन मुंजा जडेजा और उनकी मां संतोकबेन जडेजा भी सौराष्ट्र समेत पूरे गुजरात में काफी मशहूर हैं। कांधल जडेजा फिलहाल रणवाव-कुतियाणा सीट से विधायक हैं। संतोकबेन जडेजा और उनके चाचा भूरा मुंजा जडेजा भी रानावाव-कुतियाणा सीट से विधायक रह चुके हैं। कांधल जडेजा ने पहली बार राकांपा से 2012 में रानावाव-कुतियाणा सीट से चुनाव लड़ा था। तीन बार से जीत रहे कांधल जडेजा ने बीजेपी प्रत्याशी को 18 हजार से ज्यादा वोटों से हराया था।

2017 में कांधल जडेजा ने 11 उम्मीदवारों को हराया था


2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और एनएसपी के बीच गठबंधन नहीं होने के बावजूद कांधल जडेजा ने अकेले दम पर बीजेपी-कांग्रेस और निर्दलीय समेत 11 उम्मीदवारों को हराया था। 2017 के विधानसभा चुनाव में एनसीपी नेता कांधल जडेजा ने बीजेपी नेता लक्ष्मण ओदेदारा को हराकर कुतियाणा विधानसभा सीट से जीत हासिल की थी।
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