गुजरात विधानसभा चुनाव : मोरबी हादसे में लोगों की जान बचाने के लिए नदी में कूदने वाले कांति अमृतिया बीजेपी के उम्मीदवार

मोरबी के पूर्व विधायक कांति अमृतिया ने जान की परवाह किए बिना बचाव अभियान शुरू किया

गुजरात विधानसभा चुनाव को लेकर सारी पार्टियों ने अपने अपनी तैयारियों को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है। इसी क्रम में बीजेपी ने आज उम्मीदवारों की सूची का ऐलान कर दिया है। भारतीय जनता पार्टी ने सौराष्ट्र की महत्वपूर्ण सीट मोरबी-मालिया से कांति अमृतिया को टिकट देकर मौजूदा विधायक बृजेश मारेजा का पत्ता साफ़ कर दिया है। बीजेपी द्वारा लिए इस निर्णय के बाद उनके समर्थकों में काफी उत्साह देखा जा रहा है। चलिए जानते है कांति अमृतिया के बारे में!
 

लोगों को बचाने के लिए कूद पड़े नदी में

 
आपको बता दें कि मोरबी में हुए पुल हादसे के कारण 131 लोगों की जान गई और बहुत से परिवार तबाह हो गये। इससे पूरे प्रदेश में मातम छाया रहा। इस त्रासदी में माचू नदी में 400 से ज्यादा लोग डूब गए थे। तब मोरबी के पूर्व विधायक कांति अमृतिया ने जान की परवाह किए बिना बचाव अभियान शुरू किया। लोगों को बचाने के लिए वह खुद माछू नदी में कूद पड़े। जिसका वीडियो भी सामने आया।
 

कौन हैं कांति अमृतिया?

 

पूर्व विधायक कांतिलाल शिवलाल अमृतिया का जन्म 8 मार्च 1962 को मोरबी जिले के जेतपार में एक पटेल समुदाय के परिवार में हुआ था। 1970 के दशक में मोरबी में बाढ़ के दौरान एक छोटे लड़के के रूप में भी, उन्होंने पीड़ितों के पुनर्वास के लिए काम किया। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा वीसी टेक्निकल हाई स्कूल, मोरबी से पूरी की। एक युवा व्यक्ति के रूप में वे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, एक छात्र संगठन में शामिल हो गए और नवनिर्माण आंदोलन में शामिल हो गए। संगठन के पूर्णकालिक सदस्य के रूप में काम करने के बाद, वह भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए।
 

 

कांति अमृता का राजनीतिक इतिहास

 

 
गौरतलब है कि कांति अमृतिया अपने सामाजिक जीवन के शुरुआती वर्षों में आरएसएस की स्वयंसेवक थे। उन्होंने स्थानीय स्तर पर पार्टी कार्यकर्ताओं को सक्रिय करने का चुनौतीपूर्ण कार्य किया। शुरुआती दौर में उन्होंने मोरबी नगर पालिका और तालुका पंचायत के सदस्य के रूप में शुरुआत की।
 

मोरबी का पांच बार प्रतिनिधित्व किया

 
कांतिभाई पहली बार 1995 में विधायक चुने गए थे। तब से 2013 तक, उन्होंने विधायक के रूप में मोरबी निर्वाचन क्षेत्र में कार्य किया। दिसंबर 2012 में, कानाभाई गुजरात राज्य चुनावों में 5वीं बार चुने गए थे। उन्होंने पांच बार मोरबी निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया। उन्हें मोरबी और आसपास के क्षेत्रों के लोग कानाभाई के नाम से जानते हैं। उन्होंने कृषि और उद्योग में काम किया है। गौरतलब है कि 30 अगस्त 2015 को, पाटीदार भीड़ द्वारा मोरबी सिरेमिक फेडरेशन मुख्यालय में आग लगाने के 5 दिन बाद, कांति अमृतिया ने अपने नेता के रूप में इस्तीफा दे दिया था। अहमदाबाद में पाटीदार रिजर्व मूवमेंट कमेटी के नेता हार्दिक पटेल के कार्यालय में उनकी गिरफ्तारी के बाद भड़की हिंसा के दौरान आग लगा दी गई थी।
 

प्रकाश रवेशिया हत्याकांड मामले में कोर्ट से बरी

 

इसके साथ ही प्रकाश रवेशिया चकचारी हत्याकांड में कांति अमृतिया को बरी कर दिया गया था। 16 सितंबर 1999 को मोरबी शहर में प्रकाश रवेशिया की चार लोगों ने धारदार हथियार से हत्या कर दी थी। हत्या का मामला गोंडल कोर्ट में लंबित था और 10 चश्मदीद गवाह और 170 अन्य गवाह फिर से अदालत में पेश हुए। फिर साल 2004 में गोंडल कोर्ट ने कांति अमृतिया समेत सात लोगों को उम्रकैद की सजा सुनाई। कांति अमृता ने तब उच्च न्यायालय में अपील की और 26 अक्टूबर 2007 को उच्च न्यायालय ने कांति अमृता को बरी कर दिया।