गुजरात : अहमदाबाद में इस कंपनी का प्लांट शुरू होते ही 1 लाख रुपए का लैपटॉप 40 हजार रुपए में मिलने लगेगा!

गुजरात : अहमदाबाद में इस कंपनी का प्लांट शुरू होते ही 1 लाख रुपए का लैपटॉप 40 हजार रुपए में मिलने लगेगा!

वेदांता ने ताइवान की इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी फॉक्सकॉन के साथ मिलकर गुजरात में रु. 1.54 लाख करोड़ रुपये का नया सेमीकंडक्टर प्लांट लगा रहा है

 भारत की आजादी के बाद सबसे बड़ा निजी निवेश अहमदाबाद, गुजरात में होने जा रहा है। भारतीय कंपनी वेदांता ने ताइवान की इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनी फॉक्सकॉन के साथ मिलकर गुजरात में रु. 1.54 लाख करोड़ रुपये का नया सेमीकंडक्टर प्लांट लगा रहा है। न्यूज 18 के सहयोगी चैनल सीएनबीसी-टीवी18 से बात करते हुए वेदांता के चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने कहा कि भारत में सेमीकंडक्टर चिप्स के निर्माण से कई उत्पादों की कीमतों में बड़ी कमी देखने को मिल सकती है। उन्होंने चैनल से कहा, "आज एक अच्छे लैपटॉप की कीमत करीब 1 लाख रुपए है और एक बार ग्लास और सेमीकंडक्टर चिप्स भारत में बनने लगे तो इस लैपटॉप की कीमत 40,000 या उससे भी कम हो जाएगी। उन्होंने कहा कि "वर्तमान में ग्लास ताइवान और कोरिया में निर्मित होता है, लेकिन जल्द ही इसे भारत में भी निर्मित किया जाएगा। 

परियोजना के लिए फंडिंग कभी बाधा नहीं बनेगी

उन्होंने आगे कहा कि देश की उद्यमिता क्षमता को देखते हुए वेदांता महाराष्ट्र में एक मैन्युफैक्चरिंग प्लांट भी लगाएगी। जहां मोबाइल फोन, लैपटॉप और इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) जैसे उत्पादों के लिए जरूरी उत्पादों का निर्माण किया जाएगा। वेदांता और फॉक्सकॉन के संयुक्त उद्यम के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा, "ऐसा कोई संगठन नहीं है जो हमें फंड नहीं देना चाहता। फॉक्सकॉन की 38 प्रतिशत इक्विटी होगी और इस प्रकार ये कंपनियां हमारी उत्पादन इकाई के लिए आवश्यक धन लाएँगी। इस परियोजना के लिए फंडिंग कभी बाधा नहीं बनेगी।

साल 2020 में इस मार्केट की कीमत सिर्फ 1500 मिलियन डॉलर थी

आपको बता दें कि वेदांता ने फॉक्सकॉन के साथ 13 सितंबर को गुजरात राज्य सरकार के साथ 1.54 लाख करोड़ रुपये के निवेश से एक चिप और एफएबी प्लांट लगाने का समझौता किया था। यह प्रोजेक्ट वेदांता के सबसे बड़े निवेशों में से एक है। सेमीकंडक्टर बाजार तेजी से बढ़ रहा है और अगले चार वर्षों में यानी वर्ष 2026 तक 6300 मिलियन डॉलर तक पहुंच सकता है। साल 2020 में इस मार्केट की कीमत सिर्फ 1500 मिलियन डॉलर थी। ऑटो और स्मार्टफोन उद्योगों में सेमीकंडक्टर्स का व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है। इसके अलावा इसका उपयोग बिजली के सामान में भी किया जाता है। वर्तमान में, दुनिया के अधिकांश देश चिप आपूर्ति के लिए ताइवान सहित अन्य देशों पर निर्भर हैं, लेकिन भारत जल्द भी इसमें शामिल हो सकता है।
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