गुजरात : आवारा पशुओं पर सख्त है हाईकोर्ट; जानिये अदालत में क्या दलीलें चल रहीं!

गुजरात : आवारा पशुओं पर सख्त है हाईकोर्ट; जानिये अदालत में क्या दलीलें चल रहीं!

कोर्ट ने राज्य सरकार और मनपा से और ज्यादा ठोस कार्रवाई करने की बात कही, आवारा पशुओं को पकड़ने के अभियान में लगे लोगों पर हमला करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आदेश

गुजरात हाईकोर्ट ने एक बार फिर अहमदाबाद महानगपालिका और राज्य सरकार की सडक़ों पर भटकते मवेशियों को लेकर अब तक की कार्रवाई पर भारी असंतोष और सवाल उठाया है। मुख्य न्यायाधीश एस अरविंद कुमार व न्यायाधीश ए जे शास्त्री की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने इस मामले में असंतुष्टि दिखाते हुए सरकार को और प्रभावी कदम उठाने को कहा। पीठ ने महानगरपालिका की ओर से उठाए गए कदम को अपर्याप्त व धीमा बताते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि सडक़ों पर भटकते मवेशियों की तुलना में कम मवेशियों को पकड़ा गया। अभी भी सडक़ों पर भटकते मवेशी देखने को मिल रहे हैं।
आपको बता दें कि सड़क पर घूमते मवेशियों के कारण हो रही दुर्घटनाओं और आमजन को होने वाले तकलीफों को देखते हुए कोर्ट ने सरकार और मनपा व निर्देश देते हुए भटकते मवेशियों को पकड़ने की बात कही थी। सरकार और मनपा ने इस पर काम भी किया लेकिन कोर्ट ने और ज्यादा ठोस कार्रवाई करने की बात कही। साथ ही यह भी कहा कि कानून हाथ में लेने वाले असामाजिक तत्वों और पशु पकडऩे वाली टीम पर हमला करने वालों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करें।

विधेयक को सदन में पेश करने का आदेश

हाई कोर्ट ने एएमयूसीओ और पुलिस कमिश्नर को सख्त कार्रवाई करने का भी निर्देश दिया, जिसमें सड़कों पर मवेशी रखने और पैसे के लिए घास बेचने वालों के खिलाफ ज्यादा से ज्यादा प्राथमिकी दर्ज करना शामिल है। हाईकोर्ट ने सरकार से यह भी सवाल किया कि अगर आवारा पशुओं की प्रताड़ना की रोकथाम पर विधेयक तैयार है तो उसे अब तक कानून का रूप क्यों नहीं दिया गया।।? यह कहते हुए हाईकोर्ट ने सरकार को आदेश दिया कि वह आवारा पशुओं की प्रताड़ना की रोकथाम संबंधी विधेयक को हाईकोर्ट के समक्ष पेश करे। 

किसी नागरिक की मौत की स्थिति में आवारा पशुओं के मालिकों पर गैर इरादतन हत्या का मामला

हाईकोर्ट ने कहा कि मनपा ने अपनी रिपोर्ट में यह दावा किया है कि भटकते मवेशियों की समस्या को नियंत्रण में लाया गया है लेकिन क्या हाईकोर्ट के गेट के बाहर स्थिति देखी है? खंडपीठ ने राज्य सरकार से भी सवाल किया कि मवेशी पकडऩे गई टीम पर हमला करने वाले किसी भी व्यक्ति को अब तक हिरासत में क्यों नहीं लिया गया है?  साथ ही यह भी निर्देश दिया कि अगली सुनवाई तक मवेशी उत्पात नियंत्रण विभाग (सीएनसीडी) विभाग 24 घंटे काम करे जिससे रास्तों पर भटकते मवेशियों से आम जन को राहत मिल सके। इस मामले के पक्षकार गुजरात हाई कोर्ट एडवोकेट्स एसोसिएशन ने आज एक बहुत ही महत्वपूर्ण प्रस्तुति दी कि अहमदाबाद शहर सहित राज्य भर में आवारा पशुओं की प्रताड़ना के कारण निर्दोष लोगों की मौत और घायल होने की घटनाएं बहुत गंभीर हैं और ये और गंभीर हो सकती हैं। इतना ही नहीं, आवारा पशुओं को पकड़ने के अभियान में लगे पशु दल के लोगों या दूसरे लोगों पर हमला करने वाले और लूटमार करने वाले तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। यदि आवारा पशुओं के कारण किसी निर्दोष व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है तो ऐसी स्थिति में आवारा पशुओं के मालिकों पर गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज कर ऐसे तत्वों के तहत जेल भेजा जाना चाहिए। क्योंकि, वे जानते हैं कि ऐसी घटनाएं और समस्याएं उनके मवेशियों के भटकने से पैदा होती हैं, लेकिन वे जानबूझकर इस आपराधिक कृत्य को अंजाम दे रहे हैं, इसलिए हाईकोर्ट को आवारा पशु मालिकों के इस आपराधिक कृत्य को बहुत गंभीरता से लेना चाहिए और आदेश देना चाहिए।

राज्य में 52 हजार से ज्यादा भटकते मवेशी

राज्य सरकार ने अपने जवाब में कहा कि राज्य में कुल 52062 भटकते मवेशी हैं। 28 अगस्त तक भटकते मवेशियों से जुड़े मामलों को लेकर कुल 844 प्राथमिकी दर्ज की गई है।

8 मनपा और 156 नगरपालिका से मांगी कार्रवाई की रिपोर्ट

खंडपीठ ने राज्य सरकार को आठ महानगरपालिका तथा 156 नगरपालिका की ओर से आठ दिनों के भीतर इस मुद्दे को लेकर रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया। हाईकोर्ट के मुताबिक लीगल सर्विसेज अथॉरिटी की ओर से पेश की गई रिपोर्ट विचलित करने वाली है। मनपा से इस मुद्दे को लेकर नियुक्त दो अधिकारी भी अहमदाबाद में किए गए कार्यों के संदर्भ में रिपोर्ट पेश करने को भी कहा।

गृह सचिव से मांगी रिपोर्ट

खंडपीठ ने अहमदाबाद पुलिस आयुक्त और गृह विभाग के सचिव को निर्देश दिया है कि भटकते मवेशियों की समस्या के लिए कार्यरत अहमदाबाद महानगरपालिका, सरकारी कर्मियों या पुलिस पर हमले करने वालों, धमकी देने वालों के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी और इसके बाद कार्रवाई की रिपोर्ट पेश की जाए। मामले की अगली सुनवाई 5 सितम्बर को होगी।