रामवन का उद्घाटन मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के हाथों किया गया
राजकोट समेत सौराष्ट्र के लोगों को मनपा ने बड़ा तोहफा दिया जाएगा। जन्माष्टमी पर्व पर शहरवासियों को 'रामवन' का एक नया रूप देखने को मिलेगा। बुधवार को रामवन का उद्घाटन मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के हाथों किया गया। इस अवसर पर मनपा के पदाधिकारी एवं पदाधिकारी उपस्थित थे। उत्सव को देखते हुए 28 अगस्त तक रामवन आने वाले नागरिकों को नि:शुल्क प्रवेश दिया जाएगा। राजकोट शहर में अजी बांध के पास किशन गौशाला के सामने 47 एकड़ के विशाल क्षेत्र में आरएमसी ने शहरी वन में रामवन का निर्माण किया है। साल 2019 में शुरू हुए काम को 2022 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था। इस रामवन को आरएमसी ने 13 करोड़ की लागत से तैयार किया है। रु. 1.61
करोड़ की लागत से भगवान श्री राम के जीवन पर विभिन्न प्रतिकृतियां बनाई गई हैं। रामवन में कुल 25 एपिसोड दिखाए गए हैं। जिसमें विभिन्न 60 प्रजातियों के 60 हजार से अधिक पेड़ लगाए गए हैं। भगवान राम के जीवन पर आधारित घटनाओं को दर्शाने वाली 22 विभिन्न मूर्तियां स्थापित की गई हैं। सेल्फी पॉइंट भी दिए गए हैं जिसके मुताबिक लोग सेल्फी ले सकते हैं। वन गमन के समय राम-सीता की प्रस्तावित तस्वीर
47 एकड़ वन शहरी भूमि रामवन में 60 हजार से अधिक पेड़ लगाए गए हैं। 55 प्रजातियों के लगभग 60000 पेड़ लगाए गए हैं। 2 प्रखंडों में मियावाकी थीम बेज वृक्षारोपण किया गया है। राम-भरत मिलन जैसे विभिन्न कार्यक्रम रामायण आधारित घटनाओं में शामिल हैं। यहां रामसेतु भी बनाया गया है। दो अलग-आगल झीलें भी बनाई गई हैं। फूड कोर्ट की भी व्यवस्था की गई है। भगवान श्री राम की 30 फीट ऊंची प्रतिमा का निर्माण किया गया है। यहां रामवन में भगवान श्री राम की चरण पादुका भी है। भगवान राम के 14 साल के वनवास की घटनाओं को स्पष्ट रूप से चित्रित किया गया है। इसमें भगवान राम के जीवन से जुड़ी अलग-अलग प्रसंगों की झांकी का भी दर्शन होगा। वन गमन के समय माता शबरी के आश्रम में भगवान राम-लक्ष्मण की प्रस्तावित तस्वीर
भगवान राम के जीवन पर आधारित घटनाओं की 22 विभिन्न मूर्तियां भी यहां रखी गई हैं। हनुमानजी की 25 फीट की मूर्ति यहां आकर्षण का केंद्र है। भगवान राम की विशाल मूर्ति, जटायु द्वार, भगवान राम के धनुष के आकार का मुख्य प्रवेश द्वार, संजीवनी बूटी के साथ पर्वत को लाते हनुमानजी महाराज की मूर्ति आकर्षण का केंद्र होगी। फिलहाल इस रामवन का काम पूरा होने के बाद त्योहार तक रामवन लोगों के लिए खोल दिया गया है। यहां राशी वन है जिसमें आगंतुक राशि के अनुसार कौन सा पेड़ लगाना है इसकी जानकारी दी गई है। संकेत भी दिया है। रामवन में धनुष और बाण के आकार का एक विशाल प्रवेश द्वार है। 120 कलात्मक बेंच जहां लोग बैठकर प्रकृति का आनंद ले सकते हैं।