गुजरात : राष्ट्रपति चुनाव में 7 विधायकों के क्रोस वोटिंग से प्रदेश कांग्रेस में हड़कंप

गुजरात : राष्ट्रपति चुनाव में 7 विधायकों के क्रोस वोटिंग से प्रदेश कांग्रेस में हड़कंप

गुजरात के राष्ट्रपति चुनाव में 178 विधायकों में से द्रौपदी मुर्मू को बीजेपी के 111 विधायक, एनसीपी के 1 विधायक और बीटीपी के पिता-पुत्र विधायकों के साथ 114 वोट और कांग्रेस के 7 विधायकों के कुल 121 विधायकों का वोट मिला

भारत के वर्तमान राष्ट्रपति का कार्यकाल जल्द ही समाप्त होने जा रहा है। ऐसे में नए राष्ट्रपति के चयन के लिए मतदान और मतगणना की प्रक्रिया कल पूरी हुई, जिसमें बीजेपी की प्रत्याशी द्रोपती मुर्मू को भारी मतों से जीत मिली हैं और वो देश की पहली आदिवासी और दूसरी महिला राष्ट्रपति बन गई। कल हुई मतगणना में राष्ट्रपति चुनाव में गुजरात कांग्रेस के 7 विधायकों ने बीजेपी प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू के पक्ष में क्रॉस वोटिंग की। इस घटना से कांग्रेस की प्रदेश इकाई में भूचाल आ गया। गुजरात कांग्रेस के शीर्ष नेता, पार्टी के विधायकों की बड़ी संख्या में उनकी कल्पना से परे क्रॉस वोटिंग से स्तब्ध हैं और क्रॉस-वोटर्स का पता कैसे लगाया जाए, यह अब पार्टी के लिए एक पहेली बन गया है।
आपको बता दें कि गुजरात के राष्ट्रपति चुनाव में मतदान करने वाले 178 विधायकों में से द्रौपदी मुर्मू को 121 विधायकों का वोट मिला है। यानी बीजेपी के 111 विधायक, एनसीपी के 1 विधायक और बीटीपी के पिता-पुत्र विधायकों के साथ 114 वोट और कांग्रेस के 7 विधायकों के वोट बीजेपी के पक्ष में गए हैं। कांग्रेस के कुल 63 विधायक हैं और जिग्नेश मेवाणी निर्दलीय विधायक हैं, लेकिन इन 64 विधायकों में से यशवंतसिंह को केवल 57 विधायकों का ही समर्थन मिला है। अब जब राष्ट्रपति चुनाव में एक गुप्त मतदान होता है, यानी राज्यसभा चुनाव के विपरीत, राष्ट्रपति चुनाव में, विधायकों को राजनीतिक दल द्वारा व्हिप नहीं दिया जा सकता है कि किसे वोट देना है, या विधायक को यह नहीं बताना की किस्लो वोट दिए या वोट देने से पहले पार्टी के नेता को अपना वोट दिखाएं। अब गुजरात कांग्रेस के नेताओं के लिए बागियों को पहचानने से ज्यादा कुछ करना मुश्किल हो गया है।
इस बारे में एक कांग्रेसी नेता ने बताया कि शाम को जैसे ही राष्ट्रपति चुनाव में गुजरात कांग्रेस के विधायकों के क्रॉस वोटिंग की खबर फैली। अब ज्यादातर कांग्रेसी नेताओं-विधायकों ने अपने मोबाइल फोन बंद कर लिए, जिन्होंने फोन नहीं उठाया। यह हमारे लिए पूरी तरह से अकल्पनीय है और इन असंतुष्टों का पता लगाने का काम मुश्किल हो गया है।”
Tags: