सूरतवासी फिलहाल सापूतारा की सैर टालें, सड़कों पर पत्थर और भूस्खलन का है जोखिम!

सूरतवासी फिलहाल सापूतारा की सैर टालें, सड़कों पर पत्थर और भूस्खलन का है जोखिम!

सापुतारा मालेगाम में चट्टानें, पेड़ गिरने, पत्थर की पटिया खिसकने से तीन दिन तक वाहनों का आवागमन ठप रहा

सूरत और आसपास के लोगों के लिए सापुतारा सबसे पसंदीदा पर्यटक स्थल है। मौका मिलते ही सूरत के लोग सापुतारा निकल जाते है पर हाल ही में हो रही मूसलाधार बारिश ने हालात बिगाड़ कर रखा है। डांग जिले के सापुतारा मालेगाम रास्ते में चट्टान गिर जाने से यातायात बाधित हो गया था। मार्ग में गिरे चट्टानों को हटाने में यह प्रणाली सफल रही है, लेकिन सड़क को नुकसान पहुंचाने वाले पर्यटकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए राजमार्ग प्राधिकरण ने दो और दिनों के लिए वाहनों के आवागमन को बंद करने का फैसला किया है।
जानकारी के अनुसार सापुतारा मालेगाम में चट्टानें, पेड़ गिरने, पत्थर की पटिया खिसकने से तीन दिन तक वाहनों का आवागमन ठप रहा। लगातार भारी बारिश और घने कोहरे के कारण व्यवस्था को मलबा हटाने में काफी मशक्कत करनी पड़ी। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा एक हिताची और तीन जेसीबी भेजे गए थे। मशीन चालू होने के तीसरे दिन मलबे को हटाने में सक्षम थी। हालांकि, राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा प्री-मानसून का काम नहीं किया गया था और यह है माना जाता है कि मानसून में वर्षा जल निकासी की व्यवस्था नहीं होने के कारण चट्टान गिरी थी। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की लापरवाही के कारण यातायात से परेशान सापुतारा मार्ग तीन दिनों से बंद है, जिससे होटल उद्योग और परिवहन को व्यापक नुकसान हुआ है।
उल्लेखनीय है कि सापुतारा घाटमर्ग में बार-बार दुर्घटनाएं होने और सड़क पर सुरक्षा दीवार या वर्षा जल निकासी के लिए बार-बार अखबारों में खबरें आने के बावजूद राजमार्ग प्राधिकरण के कार्यपालक अभियंता ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। नतीजतन सापुतारा से अहवा महल, सोनगढ़ तक का रास्ता वाहन चालकों के लिए खतरनाक हो गया है।

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