गुजरात : राज्य में बच्चों और गर्भवती माताओं के लिए घर बैठे पोषण का मार्ग बना और आसान

गुजरात  :  राज्य में बच्चों और गर्भवती माताओं के लिए घर बैठे पोषण का मार्ग बना और आसान

इस वर्ष के बजट में 6 से 8 साल के बच्चों को सुखडी का वितरण करने तथा बच्चों, किशोरियों तथा गर्भवती-स्तनपान कराने वाली माताओं को टेक होम राशन

फ़ूड डिलीवरी ऐप के जमाने में जब हम अपना पसंदीदा भोजन घर पर मंगवाते हैं, तो यह ख्याल आता है कि उन बच्चों और गर्भवती बहनों का क्या जो अपने पसंदीदा पौष्टिक भोजन की होम डिलीवरी से कोसो दूर हैं? विशेष रूप से ऐसी माताओं और बच्चों के लिए जिन्हें पोषण की बहुत आवश्यकता है। इसलिए कुपोषण से निपटने के लिए भारत सरकार द्वारा ‘SND-The Supplementary Nutrition Programme’ कार्यक्रम के तहत बाल विकास सेवाएं (Integrated Child Devlopment Scheme-ICDS) कार्यक्रम शुरू किया है।  इसके अंतर्गत लाखों जरूरतमंद लाभार्थी घर पर पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराने वाली ‘टेक होम राशन’ योजना का लाभ उठा रहे हैं।
 
यह कार्यक्रम गर्भवती महिलाओं को जीवन में पहले 1000 दिनों के लिए विभिन्न पोषण और स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करता है। यह समयावधि कुपोषण से जुड़े दीर्घकालिक दुष्प्रभावों को रोकने के लिए महत्वपूर्ण है। विशेष रूप से गर्भावस्था के दौरान और जब शिशु स्तनपान करना बंद कर देते हैं तब ‘टेक होम राशन’ का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जिसमें नियमित रूप से स्कूल आने वाले 3 से 6 वर्ष के बच्चों को गर्म, पौष्टिक, स्वादिष्ट भोजन उपलब्ध कराना और स्तनपान कराने वाली माताओं के लिए पोषणयुक्त भोजन उपलब्ध कराया जाएगा। यह भोजन महीने में एक बार माँ को घर ले जाने और उसका उपयोग करने के लिए वितरित किया जाता है और इसलिए ही इसका नाम ‘टेक होम राशन’ रखा गया है। 
 
कोरोना जैसी महामारी अक्सर अपने साथ नवीन बदलाव के अवसर लेकर आती है। महामारी के साथ टेक होम राशन को नए लेंस से देखने और खाली पेट भरने से आगे सोचने का अवसर मिला है। इस विचार को खाद्य सुरक्षा में से पोषण सुरक्षा की ओर स्थानांतरित करने का समय मिला है। ऐसी महामारी के दौरान स्थानीय रूप से उत्पादित ताजा भोजन उपलब्ध न होने के कारण लाखों लोग कुपोषण के शिकार हुए है। इस पोषण अंतर को दूर करने के लिए ‘टेक होम राशन’ एक सेतु बनता जा रहा है। वर्ष 2022-23 की बात करें तो गत वर्ष की तुलना में मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व में और महिला एवं बाल विकास मंत्री  मनीषाबहन वकील के लगातार मार्गदर्शन में महिला एवं बाल विकास विभाग की योजनाओं के लिए कुल 4,976 करोड़ रुपए अर्थात्  42 प्रतिशत की भारी वृद्धि की गई है। 
 
गुजरात सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि गर्भवती माताओं को पोषक तत्वों से भरपूर भोजन और उनके नवजात शिशु को गुणवत्तापूर्ण प्रोटीन मिलें। इसके लिए बालक और गर्भवती माताओं को वर्तमान भोजन में क्या कमी आ रही है, उसकी जानकारी लेकर पोषक तत्वों को बढ़ाया जा रहा है। गुजरात सरकार द्वारा वर्ष 2022-23 बजट में 3 से 6 वर्ष के बच्चों को घर-घर सुखडी (आटे और घी से बना पौष्टिक व्यंजन) का वितरण करने तथा बच्चों, किशोरियों तथा गर्भवती-स्तनपान कराने वाली माताओं को टेक होम राशन मुहैया कराने के लिए 1,059 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। स्वस्थ भावी पीढ़ी के लिए जीवन चक्र के प्रत्येक चरण में महिलाओं के स्वास्थ्य के साथ-साथ पोषण की देखभाल आवश्यक है। 
 
एक महिला की गर्भावस्था से दो वर्ष की आयु तक की अवधि गर्भवती और स्तनपान कराने वाली माताओं तथा बच्चों के स्वास्थ्य के लिए स्वर्णिम माना जाता है। इसलिए सरकार ने किशोरियों, गर्भवती तथा स्तनपान कराने वाली माताओं के स्वास्थ्य तथा पोषण में सुधार लाने के लिए विभिन्न योजनाओं को लागू करने का निर्णय किया गया है। इनके भोजन में अन्न के साथ प्रोटीन, फेट तथा माइक्रो-न्यूट्रिएंट भी उपलब्ध हो सके इसके लिए अगले पाँच वर्षों में 4 हजार करोड़ रुपए की लागत से लागू होने वाली ‘सुपोषित माता-स्वस्थ्य बाल योजना’ द्वारा गर्भवती और स्तनपान कराने वाली माताओं को 1000 दिनों तक एक किलो तुवर दाल, दो किलो चना, एक लीटर खाद्य तेल हर महीने फ्री दिया जाएगा। इस प्रकार ‘टेक होम राशन’ योजना अपने लक्ष्य और जरूरतमंदों तक पहुँचे इसके लिए पर्याप्त बजट आवंटित किया गया है। जो व्यूहात्मक परिवर्तनों के साथ भारत के सबसे जरूरतमंद नागरिकों के लिए पोषण सुरक्षा हासिल करने में मदद कर रहा है। 
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