गुजरात : ‘सबको अन्न, सबको पोषण’ मंत्र को सार्थक कर रही है ‘प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना

गुजरात : ‘सबको अन्न, सबको पोषण’ मंत्र को सार्थक कर रही है ‘प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना

प्रधानमंत्री गऱीब कल्याण अन्न योजना लोकप्रिय प्रधानमंत्री नरेन्द्रभाई मोदी के सपने ‘सबको अन्न, सबको पोषण’ को सार्थक तथा साकार कर रही है

 ‘प्रधानमंत्री गऱीब कल्याण अन्न योजना  लोकप्रिय प्रधानमंत्री नरेन्द्रभाई मोदी के सपने ‘सबको अन्न, सबको पोषण’ को सार्थक तथा साकार कर रही है। कोविड 19 की महामारी के दौरान किसी भी गऱीब को भूखा न सोना पड़े तथा सभी ज़रूरतमंदों को अनाज उपलब्ध हो; इस उद्देश्य से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में गत अप्रैल 2020 से इस पीएमजीकेएवाय योजना का शुभारंभ किया गया था।
गुजरात सरकार द्वारा दिनांक 1 अप्रैल, 2016 से समग्र राज्य में ‘राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013  क्रियान्वित है, जिसके अंतर्गत राज्य के ‘अंत्योदय अन्न योजना’ ’ के अंतर्गत शामिल राशन कार्ड धारकों तथा ‘प्राथमिकता वाले राशन कार्ड धारकों को शामिल किया गया है। राज्य में इस अधिनियम के अंतर्गत अंत्योदय अन्न योजना के परिवारों को हर महीने प्रति राशन कार्ड 25 किलोग्राम गेहूँ व 10 किलोग्राम चावल सहित कुल 35 किलोग्राम अनाज दिया जाता है। इसमें गेहूँ 2/- रुपए प्रति किलोग्राम तथा चावल 3/- रुपए प्रति किलोग्राम के भाव से दिया जाता है। इसी प्रकार ‘प्राथमिकता वाले परिवारों’ के सदस्यों को हर महीने प्रति व्यक्ति 3.5 किलोग्राम गेहूँ व 1.5 किलोग्राम चावल सहित कुल 5 किलोग्राम अनाज दिया जाता है। इसमें गेहूँ 2/- रुपए प्रति किलोग्राम तथा चावल 3/- रुपए प्रति किलोग्राम के भाव से दिया जाता है। अर्थात् परिवार में चार सदस्य हों, तो मासिक 14 किलोग्राम गेहूँ व 6 किलोग्राम चावल सहित कुल 20 किलोग्राम अनाज दिया जाता है।
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के अंतर्गत समग्र राज्य में ‘राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013’ के अंतर्गत समाविष्ट लगभग 71 लाख परिवारों की 3.48 करोड़ जनसंख्या को राहत दर पर देय अनाज के अलावा प्रति व्यक्ति 5 किलोग्राम नि:शुल्क अनाज वितरण का लाभ मिलता है। गुजरात राज्य में प्रति व्यक्ति 3.5 किलोग्राम गेहूँ तथा 1.5 किलोग्राम चावल सहित कुल 5 किलोग्राम अनाज का नि:शुल्क वितरण किया जाता है।
इस योजना के प्रथम चरण में अप्रैल से जून 2020; इन तीन महीनों तथा दूसरे चरण में जुलाई से नवम्बर 2020; इन पाँच महीनों के दौरान हर महीने प्रति व्यक्ति 3.500 किलोग्राम गेहूँ तथा 1.500 किलोग्राम चावल सहित कुल 5 किलोग्राम अनाज और प्रति परिवार 1 किलोग्राम चने का नि:शुल्क वितरण किया गया। इस प्रकार अप्रैल से नवम्बर 2020; इन कुल 8 महीनों के दौरान औसत 63 लाख 57 हज़ार लाभार्थियों को कुल 12.76 मैट्रिक टन अनाज तथा 50 हज़ार मैट्रिक टन चने का वितरण किया गया।
वर्ष 2021-22 के दौरान कोरोना की दूसरी लहर के कारण उत्पन्न स्थिति के चलते केन्द्र सरकार द्वारा इस योजना को पुन: लागू किया गया, जिसके अंतर्गत तीसरे चरण में मई से जून 2021 एवं चौथे चरण में जुलाई से नवम्बर 2021; इन पाँच महीनों और पाँचवें चरण में दिसम्बर 2021 से मार्च 2022; इन चार महीनों सहित समग्र वर्ष यानि मई 2021 से मार्च 2022; इन कुल 11 महीनों के लिए ‘राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013’ में शामिल किए गए 70 लाख राशन कार्ड धारकों की 3.45 करोड़ जनसंख्या को राहत दर पर देय नियमित राशन के लाभों के अलावा हर महीने प्रति व्यक्ति 3.500 किलोग्राम गेहूँ व 1.500 किलोग्राम चावल सहित कुल 5 किलोग्राम अतिरिक्त अनाज के नि:शुल्क वितरण का लाभ दिया गया है। इसके लिए भारत सरकार की ओर से कुल 18 लाख 79 हज़ार मैट्रिक टन अनाज का आवंटन किया गया था, जिसके समक्ष औसत 66 लाख 82 हज़ार लाभार्थियों को कुल 18,08,263.29 मैट्रिक टन अनाज का वितरण किया गया। इस अनाज वितरण का औसत लगभग 95 प्रतिशत रहा।
वर्तमान स्थिति को ध्यान में लेकर केन्द्र सरकार द्वारा वर्ष 2022-23 के दौरान इस योजना की अवधि और 6 माह के लिए बढ़ाई गई। इस दौरान केन्द्र सरकार द्वारा गेहूँ तथा चावल आवंटन में मई 2022 से वृद्धि की गई। इसके चलते लाभार्थियों को देय नियमित राशन के लाभों के अतिरिक्त प्रति माह प्रति व्यक्ति 1 किलोग्राम गेहूँ तथा 4 किलोग्राम चावल सहित कुल 5 किलोग्राम अतिरिक्त अनाज के राशन का लाभ नि:शुल्क मिल रहा है। इस छठे चरण के अंतर्गत अप्रैल से सितम्बर 2022 के दौरान कुल 10 लाख 35 हज़ार मैट्रिक टन अनाज का आवंटन किया गया है। 23 मई, 2022 की स्थिति के अनुसार औसत 49 लाख 26 हज़ार लाभार्थियों को कुल 2,19,068.03 मैट्रिक टन अनाज यानि औसत 70 प्रतिशत अनाज का वितरण किया गया है। इस योजना में भारत सरकार की ओर से अनाज एवं राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के नियमों के अनुसार ट्रांसपोर्ट, लेबर, कमिशन से जुड़े अन्य ख़र्च मिलते हैं, परंतु नियमों के उपरांत अतिरिक्त ख़र्च 100 प्रतिशत राज्य सरकार द्वारा किया जाता है।
इस योजना के अंतर्गत राज्य सरकार द्वारा वित्तीय वर्ष 2020-21 में 292.28 करोड़ रुपए तथा 2021-22 में 113.59 करोड़ रुपए ख़र्च किए गए हैं। ‘प्रधानमंत्री गऱीब कल्याण अन्न योजना’ के देश/राज्य के सभी लाभार्थी योजनांतर्गत ‘के अंतर्गत किसी भी जि़ला/तहसील/गाँव की राशन की दुकान पर जाकर उन्हें देय आवश्यक खाद्य वस्तुओं की जानकारी अपने किसी भी हाथ के किसी भी अंगूठे/उंगली के माध्यम से अपनी ‘आधार’ आधारित पहचान देकर प्राप्त कर सकते हैं। गुजरात राज्य के लाभार्थी अन्य राज्यों से भी उन्हें देय खाद्य वस्तुएँ प्राप्त कर सकते हैं।
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