गुजरात : किसानों को आर्थिक रूप से स्वावलंबी बनाकर उनकी आय को दोगुना करना ही हमारा संकल्प : मुख्यमंत्री भुपेन्द्र पटेल

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी निर्णय वाली ‘प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना’ बनी किसानों का आधार

खातेदार किसानों को अपने गांवों में निर्दिष्ट सेवा प्रदाता के मार्फत डिजिट ‘डिजिटलगुजरात डॉट जीओवी डॉट’ इन पोर्टल पर करना होगा ऑनलाइन आवेदन
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी निर्णय के जरिए देश के किसानों की आय दोगुनी कर उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए केंद्र सरकार ने अनेक निर्णय किए हैं। जिसके अंतर्गत प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत देशभर के लाखों किसानों को वित्तीय सहायता दी जाती है। योजना के अंतर्गत अब तक जारी की गई 10 किस्तों में गुजरात के किसानों को सीधे उनके बैंक खाते में 10,334 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया है। भारत जैसे कृषि प्रधान देश में ग्रामीण अर्थव्यवस्था को ज्यादा गतिशील बनाने के लिए प्रधानमंत्री ने किसानों के लिए अनेक नए आयाम शुरू कर किसानों की आय दोगुनी करने के मजबूत संकल्प के साथ समयबद्ध आयोजन किया है। जिसके परिणामस्वरूप कृषि उत्पादन में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
प्रधानमंत्री ने किसानों के कृषि उत्पादन में वृद्धि तथा खेती की उत्पादन लागत को कम करने के लिए देश के छोटे एवं सीमांत किसानों के लिए प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना 1 फरवरी, 2019 से कार्यान्वित की है। गुजरात की यदि बात करें तो यहां खेती मुख्य रूप से छोटे-छोटे खेतों में विभाजित है, साथ ही यह बहुत हद तक वर्षा पर निर्भर है। भारत सरकार ने किसानों की आय में वृद्धि कर किसान परिवार को सहायता के लिए सौ फीसदी केंद्र प्रायोजित योजना के रूप में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना लागू की गई है।
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व और कृषि मंत्री राघवजीभाई पटेल के मार्गदर्शन में इस योजना के अंतर्गत किसान परिवारों को हर साल 6000 रुपए की सहायता का भुगतान प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) के जरिए किया जाता है। यह सहायता हर चार महीने में तीन समान किस्तों में वितरित की जाती है। यदि पति, पत्नी और नाबालिग बच्चों में से किसी के भी पास व्यक्तिगत या संयुक्त रूप से खेती योग्य जमीन है तथा वे अन्य किसी सहायता के लिए अपात्रों की सूची में शामिल हैं, ऐसे सभी किसान परिवार सहायता के पात्र होंगे।
इस योजना का लाभ उठाने के लिए खातेदार किसान को उसके गांव में निर्दिष्ट सेवा प्रदाता के माध्यम से डिजिटलगुजरात डॉट जीओवी डॉट इन पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन करना होगा। आवेदक को सभी विवरणों के साथ भरे फॉर्म और संलग्न शपथपत्र की हस्ताक्षरित प्रिट लेकर बैंक अकाउंट के विवरण के लिए चेक या पासबुक की प्रतिलिपि और आधार कार्ड की स्व-प्रमाणित प्रतिलिपि डेटा एंट्री केंद्र में जमा करानी होगी।
इस योजना के क्रियान्वयन के पहले वर्ष की पहली किस्त के लिए आधार कार्ड नंबर नहीं हो, तो ऐसे मामले में पहचान पत्र के रूप में आधार नामांकन नंबर, ड्राइविंग लाइसेंस या वोटर आईडी कार्ड देना होगा। लेकिन उसके बाद आधार कार्ड तथा आधार सीडेड बैंक खाते का विवरण अनिवार्य रूप से देना होता है। इसके पश्चात किसान को योजना का लाभ मिलने लगता है। इस योजना के जरिए गरीब किसान परिवार बेहतर गुणवत्ता के बीज और उर्वरक की खरीद कर सकता है, और इस तरह वह आर्थिक रूप से सशक्त बन सकता है। राज्य में इस योजना के अंतर्गत गुजरात के लाभार्थी किसान परिवारों को अब तक 10 किस्तों की  कुल 10,334 करोड़ रुपए की रकम का भुगतान सीधे उनके बैंक खातों में किया गया है। इस तरह यह योजना किसानों के लिए बहुत लाभदायी साबित हो रही है।
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की पहली किस्त के लिए 1 दिसंबर, 2018 से 31 मार्च, 2019  की अवधि निर्धारित की गई थी। उसके बाद हर चार महीने की अवधि में सहायता दी जाती है। पहले इस योजना के अंतर्गत ऐसे किसान परिवार को सहायता दी जाती थी, जिसके सभी सदस्यों के संयुक्त स्वामित्व वाली खेती योग्य जमीन 2 हेक्टेयर तक होती थी। बाद में 7 जून, 2019 से 2 हेक्टेयर की सीमा को हटाकर सभी किसानों का समावेश किया गया है। इस योजना के अंतर्गत 24 मई, 2022 तक 63.31 लाख किसान परिवारों को पहली किस्त, 62.79 लाख परिवारों को दूसरी किस्त, 62.36 लाख किसान परिवारों को तीसरी किस्त, 59.42 लाख किसान परिवारों को चौथी किस्त, 58.13 लाख किसान परिवारों को पांचवीं किस्त, 56.06 लाख किसान परिवारों को छठी किस्त, 53.80 लाख किसान परिवारों को सातवीं किस्त, 51.02 लाख किसान परिवारों को आठवीं किस्त, 46.49 लाख किसान परिवारों को नौवीं किस्त, 48.17 लाख किसान परिवारों को दसवीं किस्त का भुगतान किया जा चुका है। जबकि 28.90 लाख किसान परिवारों को ग्यारहवीं किस्त की रकम भेजने के लिए कुल 11,809.30 करोड़ रुपए के भुगतान का आदेश दिया गया है। 
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