कांग्रेस छोड़ने के बाद हार्दिक पटेल की टिपप्णी; 'दाहोद यात्रा के दौरान मेरे लिए 5 मिनट नहीं निकाल पाए राहुल गांधी!'

कांग्रेस छोड़ने के बाद हार्दिक पटेल की टिपप्णी; 'दाहोद यात्रा के दौरान मेरे लिए 5 मिनट नहीं निकाल पाए राहुल गांधी!'

कई दिनों तक कांग्रेस पार्टी से नाराज रहने के बाद त्यागपत्र देने वाले युवा पाटीदार नेता हार्दिक पटेल ने गुरुवार को एक पत्रकार परिषद करके कांग्रेस के प्रति अपनी भड़ास जी भर कर निकाली। उसके बाद से हार्दिक स्थानीय मीडिया चैनल को एक के बाद एक साक्षात्कार दे रहे हैं। मीडिया से इस बातचीत में भी हार्दिक पटेल कांग्रेस नेतृत्व को बुरी तरह लताड़ रहे हैं।
एक गुजराती चैनल को दिए साक्षात्कार में हार्दिक पटेल ने स्वीकार किया की वह कांग्रेस में जुड़े इसका उन्हें पछतावा हो रहा है। वह कांग्रेस के नेतृत्व के प्रति नाराजगी तो पिछले 1 महीने से प्रकट कर रहे थे और इस्तीफा दिए तो 2 दिन हुए हैं। लंबे अरसे तक नाराजगी व्यक्त करने के बावजूद उनकी बातों का समाधान निकालने का कोई गंभीर प्रयास नहीं हुआ। कांग्रेसी नेता जो मन में आए बोलते चले जा रहे थे। हार्दिक पटेल ने सवाल किया कि जब वे विभिन्न मुद्दे उठा रहे थे तो वरिष्ठ कांग्रेसी नेता राहुल गांधी जब 4 घंटे की दाहोद यात्रा पर आए तब उन्होंने मेरे लिए 5 मिनट का समय निकालना भी मुनासिब नहीं समझा। हार्दिक ने कहा कि राहुल से मिलकर और क्या बात कर लेते, इतना ही कहते कि प्रदेश में कांग्रेस को सुधारने की जरूरत है। हार्दिक ने कहा कि राहुल के पास समय नहीं है, लेकिन वास्तविकता तो यह है कि पूरे देश में केवल दो ही राज्यों में कांग्रेस की सरकार है।
हार्दिक पटेल
यह पूछे जाने पर कि हार्दिक सिर्फ अपना हित तो देख रहे हैं, उन्होंने उत्तर दिया कि मेरा हित तो जनता तय करेगी, कांग्रेस पार्टी उनका हित क्या देख सकती थी। जो जनता के बीच रहता है और जनता का आशीर्वाद जिस पर होता है, वही सफल नेता होता है। यह पूछे जाने पर कि उन्होंने विभिन्न अदालती मामलों में सजा के डर से त्यागपत्र दिया है, हार्दिक पटेल ने जवाब दिया कि ऐसा बिल्कुल नहीं है। लेकिन एक बार ऐसा मान भी लें कि वे डर गए तो भी वे प्रश्न करना चाहते हैं कि जब तक वे कांग्रेस में रहे, कांग्रेस पार्टी की ओर से उन्हें उनके अदालती मामलों के संबंध में क्या सहायता की गई? क्या कांग्रेस पार्टी ने एक भी वकील मुहैया करवाया?
हार्दिक पटेल ने आरोप लगाया कि कांग्रेस पार्टी युवा नेतृत्व को खत्म करने का काम करती है। उन्होंने कहा कि अल्पेश ठाकोर के साथ भी यही हुआ। जिग्नेश मेवानी के संबंध में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि उनके साथ वैचारिक मतभेद हो सकते हैं लेकिन वे उनके परम मित्र हैं। वह आशा करते हैं कि जिग्नेश मेवानी के साथ ही गलत ना हो।
अब कांग्रेस छोड़ने के बाद हार्दिक पटेल आगे किस राजनीतिक दल का दामन थामेंगे, यह तो आने वाला समय ही बताएगा। हार्दिक पटेल ने पत्रकार परिषद ने कहा भी था कि उन्होंने अभी तक भारतीय जनता पार्टी ज्वाइन नहीं की है। लेकिन जब कभी वह कोई राजनीतिक दल में जुड़ेंगे तो डंके की चोट पर उसकी घोषणा करेंगे। वैसे हार्दिक पटेल के त्यागपत्र में जिस प्रकार के मुद्दों को उठाया गया है उससे यह संकेत मिलता है कि उनका झुकाव भारतीय जनता पार्टी की ओर है।