सरकार के गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध के निर्णय से दक्षिण गुजरात के किसान हुए नाखुश

सरकार के गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध के निर्णय से दक्षिण गुजरात के किसान हुए नाखुश

बढ़ती महंगाई के बीच आम लोगों को राहत देने के लिए केंद्र सरकार ने गेहूं का पर्याप्त स्टॉक बनाए रखने और उसके दाम पर नियंत्रण रखने के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। सरकार ने गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है। सरकार के इस कदम के बाद जानकारों का मानना है कि सप्ताह भर में देश में गेहूं के दाम घटने लगेंगे। 
उधर गेहूं के निर्यात पर लगाए गए प्रतिबंध से दक्षिण गुजरात का किसान समाज नाराज दिख रहा है। दक्षिण गुजरात के किसान समाज ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखकर गेहूं निर्यात पर लगाए गए प्रतिबंध को वापस खींचने की मांग की है। उनका कहना है कि गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध से किसानों को बड़े पैमाने पर नुकसान होने की आशंका है। उन्होंने गेहूं की एमएसपी प्रति क्विंटल ₹3000 करने की मांग की है और साथ ही साथ डीजल पर 50 फ़ीसदी सब्सिडी देने और खेत में उपयोग में आने वाले साधनों पर जीएसटी निरस्त करने की मांग भी कर डाली है।
वहीं केंद्रीय खाद्य सचिव सुधांशु पांडे ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा है कि आने वाले 1 सप्ताह में देश में गेहूं के दाम घटेंगे और इसके फलस्वरूप आटे के दाम भी नीचे आएंगे। उन्होंने कहा कि देश में गेहूं का स्टॉक बना रहे इसके लिए सरकार ने यह कदम उठाया है। किसी भी परिस्थिति में देश में गेहूं की कमी नहीं होने दी जाएगी। उन्होंने कहा कि खाद्य तेल सस्ता होने लगा है। कुछ ही समय में इंडोनेशिया भी खाद्य तेलों के निर्यात के संबंध में किए गए अपने निर्णय की समीक्षा करेगा। आपको बता दें कि इंडोनेशिया दुनिया में पाम ऑयल का निर्यात करने वाला सबसे बड़ा देश है । परंतु पिछले दिनों उसने पाम ऑयल के निर्यात पर रोक लगा दी थी।
Tags: Gujarat