गुजरात : जानिए कैसे पड़ी पिरोटन द्वीप जाने के इच्छुक पर्यटकों पर इस बार गर्मी की मार

गुजरात : जानिए कैसे पड़ी पिरोटन द्वीप जाने के इच्छुक पर्यटकों पर इस बार गर्मी की मार

गर्मी के इस समय में हर कोई समंदर किनारे जाकर अपनी गर्मी भगाने की कोशिश करता है। इसके लिए गुजरात का पिरोटन द्वीप भी काफी मशहूर है। दो महीने पहले ही पिरोटन द्वीप को आम जनता के लिए खोला गया था। हालांकि सौराष्ट्र और राज्य में भीषण गर्मी के कारण उसे फिर से बंद करने की नौबत आन पड़ी थी। पाँच साल के बाद समुद्री जैव विविधता वाले इस द्वीप को 26 जनवरी को खोला गया था, हालांकि 10 मार्च के बाद अत्याधिक गर्मी के कारण तंत्र द्वारा नए परमिट जारी करना बंद कर दिये गए थे। 
विभाग ने कुछ नियमों के साथ एक नाव को वन्यजीव प्रेमियों को अंदर ले जाने की अनुमति दी थी। मरीन नेशनल पार्क के रेंज वन अधिकारी प्रतीक जोशी के बताया कि इस साल गर्मी उम्मीद से पहले ही शुरू हो गई है। पर्यटकों के लिए भोजन के बिना अंदर रहना मुश्किल हो गया है। क्योंकि अत्याधिक गर्मी के कारण भोजन अधिक समय तक ठीक नहीं रहा रहा है। उच्च तापमान के कारण समुद्र के अंदर शैवाल के फूल भी जमा होने लग जा रहे है, जिसके चलते अन्य समुद्री जानवर गहराई में चले जाते है। ऐसे में तंत्र द्वारा 16 अक्टूबर तक नए परमिट जारी नहीं करने का फैसला किया गया है। 
वनविभाग द्वारा जिला प्रशासन, गुजरात मैरीटाइम बोर्ड और भारतीय तटरक्षक बल के साथ चर्चा के बाद द्वीप के नियमित दौरे के लिए कुछ गाइडलाइंस जारी कर दिये गए। जिसके अनुसार, आमतौर पर पर्यटन स्थल 15 जून से 16 अक्टूबर तक बंद रहते हैं, लेकिन पिरोटन में भोजन की उपलब्धता नहीं होने के कारण पर्यटकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। अंदर न तो मोबाइल नेटवर्क है और न ही आराम करने की उचित जगह। विभाग ने इस द्वीप पर न जाने के लिए बड़ों और बच्चों के लिए पहले ही दिशा-निर्देश जारी कर दिए थे, पर्यटकों को सूर्योदय और सूर्यास्त के समय के बीच ही अंदर जाने की अनुमति थी।