
गुजरात : कौमी एकता का प्रतीक ये गांव, जहां मंदिर परिसर में होती है इफ्तार!
By Loktej
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हिंदुओं के पवित्र नवरात्रि और मुसलमानों के रमजान के समय एक साथ व्रत पारायण कर रहे दोनों कौम के लोग
बनासकांठा के वडगाम तालुका का एक छोटा सा गाँव हदियोल, भले ही न लोगो में लोकप्रिय न हो या फिर पर्यटकों के नक्शे पर न हो, लेकिन निश्चित रूप से ये गाँव बहुत विशेष है। यहाँ कौमी एकता, सामंजस्यपूर्ण जीवन कोई किताबी उपदेश नहीं है, बल्कि एक दैनिक अभ्यास है।
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार इस गाँव में हिंदु बहुसंख्यक और मुस्लिम लाघुसंख्यक है। यहाँ हिन्द गाँव की पूरी आबादी का 15% हिस्सा अपने मुस्लिम भाइयों के साथ बिना किसी दुश्मनी या द्वेष के एक साथ प्रेम पूर्वक रहते है। इस समय जब अभी हिन्दुओं का पवित्र नवरात्री का पर्व और मुस्लिम लोगों का रमज़ान का समय चल रहा है, तो दोनों समुदाय एक साथ व्रत का परायण कर रहे है।
वरदावीर महाराज मंदिर के दलवाड़ा देवस्थान ट्रस्ट के सचिव रंजीत हाडिओल ने बताया, "जब हिंदू-मुस्लिम विभाजन अपने चरम पर था, तब भी हमारे गांव ने एकता और धार्मिक सहिष्णुता की मिसाल कायम की थी।" हडिओल ने कहा, "दशहरा, मोहर्रम, दिवाली या ईद हो, हम सामूहिक उत्साह के साथ अपने त्योहारों को एक साथ मनाते हैं।" उन्होंने कहा कि गांव के अधिकांश मुस्लिम परिवार मंदिर के निर्माण के लिए दान देने वाले पालनपुर के पूर्व शासकों को अपना पूर्वज मानते हैं। ग्राम सरपंच भूपतसिंह हाडिओल ने शाम को मंदिर परिसर में इफ्तार पार्टी आयोजित करने और सभी मुस्लिम भाइयों को अपना रोजा उपवास तोड़ने के लिए आमंत्रित करने का प्रस्ताव रखा, जिसे पूरे गांव ने सर्वसम्मति से स्वीकार कर लिया।
सरपंच ने इस बारे में बताया, "हमने आसपास के गांवों के मुस्लिम दोस्तों को भी आमंत्रित किया है और उन्हें मंदिर में ही नमाज अदा करने के लिए जगह दी है। इस बीच, हम मंदिर में वीर महाराज की नियमित आरती भी करेंगे।"
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