गुजरात : कृषि, पशुपालन और मत्स्योद्योग क्षेत्र में ऋण सहायता का व्यापक लाभ पहुंचाने तंत्र विकसित करने की पहल करें बैंकर्स

गुजरात :  कृषि, पशुपालन और मत्स्योद्योग क्षेत्र में ऋण सहायता का व्यापक लाभ पहुंचाने तंत्र विकसित करने की पहल करें बैंकर्स

कृषि क्षेत्र हमारे लिए प्राथमिकता था, है और रहेगा : मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल

मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने साफ किया कि कृषि क्षेत्र हमारे लिए प्राथमिकता था, है और रहेगा। इस उद्देश्य से यह आवश्यक है कि बैंकिंग सेक्टर कृषि, पशुपालन और मत्स्योद्योग जैसे क्षेत्रों में राज्य सरकार द्वारा बजट में ऋण वितरण के लिए किए गए प्रावधानों का व्यापक लाभ लाभार्थियों को मुहैया कराने के लिए सक्रियता के साथ पहल करे। यह बात उन्होंने मंगलवार को गांधीनगर में आयोजित हुई  राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति (एसएलबीसी) की 172वीं बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही। इस संदर्भ में उन्होंने कहा कि शून्य फीसदी ब्याज दर पर ऋण और किसान क्रेडिट कार्ड का लाभ पशुपालन और मत्स्योद्योग क्षेत्र में देने के जो प्रावधान इस वर्ष बजट में किए गए हैं, उसका लक्ष्य हासिल करने के लिए बैंकों को अपना तंत्र विकसित करना होगा। 
वित्त मंत्री कनुभाई देसाई, मुख्य सचिव पंकज कुमार, एसएलबीसी के चेयरमैन विक्रमादित्य खिची, भारतीय रिजर्व बैंक के क्षेत्रीय निदेशक राजेश कुमार, कृषि विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव मुकेश पुरी, वित्त विभाग के प्रधान सचिव जेपी गुप्ता और वरिष्ठ सचिवों सहित राष्ट्रीयकृत बैंकों के अधिकारियों ने इस बैठक में शिरकत की। 
बतौर मुख्यमंत्री पदभार संभालने के बाद पहली बार एसएलबीसी की बैठक को संबोधित करते हुए भूपेंद्र पटेल ने सामान्यतम व्यक्ति और हाशिये के ग्रामीण नागरिकों को भी स्थानीय स्तर पर बैंकिंग सेवाएं सुलभ कराने के लिए बैंकिंग सेवाओं के डिजिटाइजेशन के  लिए अनुरोध किया। उन्होंने बैंकर्स से कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा ठेले-खोमचे वालों (स्ट्रीट वेंडर्स) के लिए शुरू की गई पीएम स्वनिधि योजना और स्वामित्व योजना सहित कमजोर वर्ग के कल्याण की योजनाओं के अंतर्गत ऋण सहायता देने के लिए जल्द ही आवश्यक कार्यवाही शुरू करे। 
श्री पटेल ने कहा कि देश को प्रत्येक क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने का प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का संकल्प बैंकिंग सेक्टर और राज्य सरकार दोनों की सक्रिय सहभागिता से ‘आत्मनिर्भर गुजरात से आत्मनिर्भर भारत’ के सूत्र द्वारा साकार होगा। बैठक की शुरुआत में एसएलबीसी के चेयरमैन विक्रमादित्य खिची ने राज्य में बैंकिंग सेक्टर और राज्य सरकार के बीच सौहार्दपूर्ण समन्वय के चलते जारी कार्यों पर प्रकाश डाला। 
उन्होंने कहा कि राज्य में पांच किलोमीटर की त्रिज्या में नागरिकों को बैंकिंग सुविधाएं उपलब्ध हैं। इतना ही नहीं, 9800 से अधिक बैंक शाखाओं और 12 हजार से अधिक एटीएम की सेवाएं भी आसानी से मिल रही है। खिची ने उम्मीद जताई कि स्वामित्व योजना के अंतर्गत 14,800 से अधिक गांवों में लाभार्थियों के सर्वे और प्रॉपर्टी कार्ड के लिए राज्य सरकार द्वारा शुरू किए गए अभियान से योजना को लागू करने में बैंकों को आसानी रहेगी। उन्होंने कहा कि गुजरात सरकार के विभाग और अधिकारियों के सकारात्मक दृष्टिकोण के परिणामस्वरूप बैंकर्स को विभिन्न योजनाओं के लक्ष्य को पूरा करने में प्रोत्साहन मिलता है, जो प्रशंसनीय है। 
आम लोगों को आसानी से ऋण प्रदान कर राज्य सरकार के गरीब हितैषी दृष्टिकोण को साकार करें बैंकर्स :  वित्त मंत्री
वित्त मंत्री कनुभाई देसाई ने कहा कि राज्य सरकार का दृष्टिकोण गरीब हितैषी रहा है, तब आम लोगों और जरूरतमंद लाभार्थियों को बैंक से ऋण प्रदान करने के मामले में बैंकों को भी सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि ऐसे आम लोगों के ऋण आवेदनों को मामूली वजहों से लंबित रखने या रद्द करने के बजाय यह आवश्यक है कि बैंकर्स उन्हें उचित मार्गदर्शन और सहायता प्रदान कर आसानी से ऋण उपलब्ध कराने की व्यवस्था करे। 
घिसी-पिटी कार्यप्रणाली से बाहर निकल नया दृष्टिकोण अपनाने की जरूरत :  मुख्य सचिव
मुख्य सचिव  पंकज कुमार ने बैंकर्स से मिशन मोड में कार्यरत होने का आह्वान करते हुए कहा कि एसएलबीसी की यह 172वीं बैठक है यानी पिछले 42-43 साल से ऐसी बैठकें आयोजित हो रही हैं। अब हमें घिसी-पिटी कार्यप्रणाली से बाहर निकलकर ऐसे नवीनतम दृष्टिकोण से विचार करने की जरूरत है। पंकज कुमार ने इस संबंध में आगे कहा कि मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने गरीब और किसान उन्मुख, ग्रामीण विकास, नल से जल और स्वामित्व सहित सभी योजनाओं में संतृप्ति दृष्टिकोण के साथ कार्यपद्धति का रवैया अपनाने के स्पष्ट निर्देश दिए हैं। राज्य सरकार के सभी विभाग इसके लिए निरंतर कार्यरत हैं। ऐसे में बैंकों को भी सक्रिय दृष्टिकोण और उनके पास मौजूद सभी डेटाबेस के आधार पर प्रत्येक योजनाओं का विश्लेषण कर लक्ष्य को प्राप्त करना आवश्यक है। रिजर्व बैंक के क्षेत्रीय निदेशक  राजीव कुमार ने भी बैंकिंग सेक्टर की कार्यपद्धति के परिप्रेक्ष्य में अपने विचार प्रस्तुत किए। बैठक के दौरान दिए गए प्रेजेंटेशन के अनुसार गुजरात में प्रायोरिटी सेक्टर यानी प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में ऋण सहायता के मामले में दिसंबर, 2021 तक 82.89 फीसदी की उपलब्धि हासिल की गई है। बैठक का संचालन एसएलबीसी के संयोजक बंसल ने किया। 
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